लखनऊ, 8 अगस्त। Assembly News : विधानसभा के सदस्य सदन में मोबाइल फोन नहीं ला सकेंगे। न ही वे सदन में झंडे, प्रतीक या कोई अन्य प्रदर्श वस्तु को प्रदर्शित कर सकेंगे। वे सभा में ऐसे साहित्य, प्रश्नावली, पुस्तिकाओं, प्रेस टिप्पणियों, पर्चों, आदि का वितरण भी नहीं कर सकेंगे जो विधानसभा के कार्य से संबंधित न हो। वे सदन में किसी दस्तावेज को नहीं फाड़ेंगे। वे अध्यक्ष पीठ के पास स्वयं नहीं जाएंगे।
यदि जरूरी होगा तो वे पटल अधिकारियों को पर्चियां भेज सकेंगे। यह प्रविधान उप्र विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली, 2023 में किये गए हैं, जिसे सोमवार को विधानसभा में प्रस्तुत किया गया।
पालन किए जाने वाले नियमों में वृद्धि
नई नियमावली में सदस्यों द्वारा सदन में पालन किये जाने वाले नियमों में वृद्धि की गई है। इसमें यह भी प्रविधान किया गया है कि सदस्य अध्यक्ष की ओर पीठ करके न तो बैठेंगे और न ही खड़े होंगे। वे सदन में न तो शस्त्र लाएंगे और न ही प्रदर्शित करेंगे। सदन में धूम्रपान नहीं करेंगे। लाबी में इतनी जोर से बात नहीं करेंगे या हंसेंगे जो सभा में सुनाई दे।
सदस्यों के बोलने तथा प्रश्नों का उत्तर देते समय पालन किए जाने वाले नियमों में भी नई नियमावली में बढ़ोतरी की गई है। सदस्य भाषण के अधिकार का उपयोग सभा के कार्यों में बाधा डालने के के लिए नहीं करेंगे। उच्च प्राधिकार वाले व्यक्तियों के आचरण पर आक्षेप नहीं करेंगे जब तक कि चर्चा उचित रूप में रखे गए मूल प्रस्ताव पर आधारित न हो। अफसरों का नाम लेकर उल्लेख नहीं करेंगे।
बहस पर प्रभाव डालने के लिए राज्यपाल के नाम का उपयोग नहीं करेंगे। अध्यक्ष की अनुमति के बिना लिखित भाषण नहीं पढ़ेंगे।
अनुपूरक प्रश्नों की संख्या सीमित
नई नियमावली में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के साथ पूछे जाने वाले अनुपूरक प्रश्नों की संख्या को दो तक सीमित कर दिया गया है। अभी इसके लिए कोई संख्या तय नहीं थी। यदि एक से अधिक प्रश्नकर्ता हैं तो उनके द्वारा भी एक-एक प्रश्न पूछा जा सकेगा। अध्यक्ष दो अतिरिक्त अनुपूरक प्रश्नों की अनुमति दे सकेंगे।
विशेषाधिकार भंग या अवमानना का आरोप निराधार पाये जाने पर शिकायत करने वाले पक्ष को आरोपित पक्ष को खर्च के रूप में पूर्व में निर्धारित अधिकतम राशि 500 रुपये के स्थान पर 50,000 रुपये देना होगा। सदस्यों को विधानसभा का सत्र आहूत होने की नोटिस कम से कम सात दिन पहले दी जाएगी। अभी यह नोटिस 14 दिन पहले दी जाती है।
विधानसभा में नेशनल ई-विधान लागू होने के कारण नई नियमावली में सदस्यों की वर्चुअल उपस्थिति, सूचनाओं व प्रस्तावों को आनलाइन उपलब्ध कराने और टैबलेट पर विधानसभा की कार्यसूची को आनलाइन प्रदर्शित करने के लिए ई-बुक के लिए भी प्रविधान किये गए हैं।
65 वर्ष बाद नई नियमावली
अभी विधानसभा की कार्यवाही उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन नियमावली, 1958 के तहत संचालित होती है। बीते 65 वर्षों के दौरान पुरानी नियमावली के कई प्रविधान अप्रासंगिक हो चुके हैं और कई अन्य में बदलाव की जरूरत महसूस की गई।
नेशनल ई-विधान लागू होने से आनलाइन कार्यप्रणाली को भी नियमावली में शामिल करना अपरिहार्य हो गया है। इन बदलावों के साथ ही पुरानी नियमावली की क्लिष्ठ भाषा को सरल बनाते हुए यह नई नियमावली बनायी गई है, जिसे सदन में नियम समिति के सदस्य राम पाल वर्मा ने पेश किया। इस नियमावली पर मंगलवार तक संशोधन आमंत्रित किये गए हैं। इसके बाद सदन में इस पर चर्चा होगी। नियमावली अगले सत्र (विधाAssembly News) से लागू होगी।