Attic Border: 'Handshake cancelled, doors closed'...! India's clear message to Pakistan in the retreat ceremony after Pahalgam attack... watch the video hereAttic Border
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नई दिल्ली, 23 अप्रैल। Attic Border : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली पर्यटक की जान गई, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।

भारत सरकार की सख्त प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को कमजोर कर दिया है। सरकार ने पाकिस्तान से अपने रक्षा अधिकारियों को वापस बुला लिया, उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या घटा दी और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है।

अमृतसर सीमा पर रिट्रीट समारोह में बदलाव

इस घटना के बाद, पंजाब के अमृतसर में अटारी, हुसैनीवाला और सदकी सीमा पर आयोजित होने वाले रिट्रीट समारोह में भी बदलाव किए गए हैं। पहले ये समारोह शाम 5 बजे होते थे, लेकिन अब इनका समय बदलकर शाम 4:30 बजे कर दिया गया है।

सुरक्षा कड़ी, पर्यटकों की संख्या कम

रिट्रीट समारोह के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है। बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों के बीच की दूरी बढ़ा दी गई है और समारोह स्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, समारोह में भाग लेने वाले पर्यटकों की संख्या भी सीमित कर दी गई है।

भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव

इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में और तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है, जबकि भारत ने इसे पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद करार दिया है।

पहलगाम आतंकी हमला भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती है। सरकार की सख्त कार्रवाई और सीमा पर रिट्रीट समारोह में बदलाव यह दर्शाते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर है। हालांकि, इस स्थिति में और तनाव से बचने के लिए दोनों देशों के बीच संवाद और कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है।

यह है मुख्य बदलाव

भारतीय गार्ड कमांडर और पाकिस्तान के समकक्ष गार्ड कमांडर के बीच होने वाली प्रतीकात्मक हैंडशेक को स्थगित कर दिया गया है।

सेरेमनी के दौरान गेट बंद रहेंगे।

यह कदम सीमा पार से होने वाली उकसावे की कार्रवाइयों को लेकर भारत की गंभीर चिंता को दर्शाता है।

यह स्पष्ट संदेश देता है कि शांति और उकसावे साथ-साथ नहीं चल सकते. कुछ हेडिंग दीजिए।