कोलकाता, 25 जनवरी। Bangladesh Border : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने गणतंत्र दिवस से पहले एक बड़े ऑपरेशन में बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास कृष्णगंज थाना इलाके में तस्करी में प्रयुक्त होने वाले लोहे के तीन भूमिगत स्टोरेज टंकी (बंकरों) और एक ईंट के निर्माणाधीन बंकर का पता लगाया है।
1.40 करोड़ की कफ सिरप बरामद
अधिकारियों ने बताया कि एक खुफिया सूचना पर शुक्रवार को कृष्णगंज के मझदिया कस्बे के सीमावर्ती नागहटा गांव में की गई इस छापेमारी में लोहे के तीनों बंकरों से 1.40 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 62,200 बोतल प्रतिबंधित फेंसेडिल कफ सिरप की बड़ी खेप भी बरामद की गई। इन फेंसेडिल बोतलों को सीमा पार कराकर बांग्लादेश में तस्करी की जानी थी।
बीएसएफ ने शनिवार को एक बयान में बताया गया कि तस्कर इन भूमिगत टंकियों का इस्तेमाल तस्करी के लिए करते थे। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ के डीआईजी व प्रवक्ता नीलोत्पल कुमार पांडे ने तस्करी के विरुद्ध अभियान में इसे बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि गुप्त टंकियों के भंडाफोड़ और फेंसेडिल की इतनी बड़ी खेप बरामद होने से तस्करों का नेटवर्क पूरी तरह से हिल गया है।
बीएसएफ प्रवक्ता ने कहा कि बीएसएफ को पुख्ता सूचना मिली थी कि मझदिया इलाके में तस्करी के उद्देश्य से एक बगीचे में जमीन के नीचे लोहे की गुप्त टंकियां बनाई गई है। इसके बाद बीएसएफ की 32वीं वाहिनी की सीमा चौकी टूंगी के जवानों ने पुलिस की मौजूदगी में संदिग्ध बगीचे की घेराबंदी कर सघन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें तीन भूमिगत टंकियों का पता चला। इनमें से दो टंकी घने बगीचों के बीच छिपाकर बनाई गई थीं, जबकि एक टंकी झोपड़ी के नीचे बनाई गई थी।
पहली बार मिला है इस तरह का बंकर
टंकियों को खोलने पर उसके अंदर फेंसेडिल की बोतलों से भरी हुई दर्जनों पेटियां बरामद हुई। इसे देख बीएसएफ अधिकारियों व जवानों की आंखें भी फटी की फटी रह गई। उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान बाद में उसी इलाके में ईंट की एक निर्माणाधीन टंकी भी मिली।
बंकरों का पता चलने के बाद से बगीचे का मालिक फरार बताया जा रहा है। बीएसएफ ने जब्त फेंसेडिल की खेप को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को सौंप दिया है।
बीएसएफ के डीआईजी ने इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धि सीमा सुरक्षा बल के जवानों की सतर्कता, साहस और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब सीमावर्ती क्षेत्र में इस तरह की गुप्त टंकी मिली है। उन्होंने कहा कि तस्कर नित नए-नए तरीके अपना रहे हैं। तस्करों के इस जटिल नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है, जिससे आने वाले समय में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।