Big Naxal Arrest: Big Breaking...! A woman Naxalite with a bounty of one crore arrested... 76 soldiers sacrificed in Tadmetla... Jheeram murder... Chatagufa murder... Tekulgudem murder... was involved in all these incidents... strict interrogation is going onBig Naxal Arrest
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जगदलपुर, 17 अक्टूबर। Big Naxal Arrest : नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी सदस्य व साउथ सब जोनल ब्यूरो की इंचार्ज सुजाता ऊर्फ मेनी बाई ऊर्फ जानकी (60) को बुधवार को तेलंगाना पुलिस ने महबूबनगर से गिरफ्तार कर लिया है। सुजाता पर एक करोड़ से अधिक का इनाम घोषित है। वह दुर्दांत नक्सली मालाजुला कोटेश्वर राव ऊर्फ किशनजी की पत्नी है। किशन जी केंद्रीय कमेटी सदस्य व बंगाल का प्रभारी था। जिसे एक दशक पहले ग्रे हाउंड्स ने बेंगलूरु में मार गिराया था। सुजाता की गिरफ्तारी रणनीतिक रुप से तेलंगाना पुलिस के लिए काफी बड़ी उपलिब्ध मानी जा रही है।

सुकमा में हुई कई बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल

तेलंगाना पुलिस ने एक महिला नक्सली को गिरफ्तार किया है जिसके सिर पर पुलिस ने एक करोड़ का इनाम रखा था। आरोपी महिला की पहचान सुजाता के रूप में हुई है जो छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुई कई बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल थी। पुलिस के मुताबिक, महिला को उस समय अरेस्ट किया गया जब वह इलाज के लिए तेलंगाना में हैदराबाद के महबूबनगर गई हुई थी। पुलिस को उम्मीद है कि आरोपी महिला से पूछताछ के बाद नक्सलियों के बारे में बड़ा इनपुट मिल सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, सुजाता नक्सली लीडर कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी की विधवा है। 2011 में जब किशनजी को पुलिस ने मार गिराया तो वह बंगाल से बस्तर आ गईं। इसके बाद वह यहां सक्रिय हो गई और बस्तर डिविजनल कमेटी की प्रभारी समेत कई पदों पर तैनात रहीं।

सुजाता का अधिकांश समय बस्तर के जंगलों में बीता

डीके एसजेडसी के सचिव रामन्ना की मौत के बाद सुजाता को डीकेएसजेडसी का प्रभारी बनाया गया था। इसके पश्चात वर्तमान में वह साउथ सब जोनल ब्यूरो की प्रभारी के रुप में कार्यरत थी। सुजाता का अधिकांश समय बस्तर के जंगलों में बीता है। वह तेलंगाना और बंगाल में भी सक्रिय रह चुकी है। बस्तर में तर्रेम थाना के भट्टीगुड़ा, तुमलपाट व मीनागुट्टा के जंगलों में अक्सर देखी जाती थी। वह अपने परिवार की तीसरी बड़ी नक्सली थी, जिसे नक्सलियों का थिंक टैंक माना जाता था। यही कारण है कि उसे नक्सलियों की सर्वोच्च सेंट्रल कमेटी में शामिल किया गया था।

किशनजी भी केंद्रीय कमेटी का सदस्य था। सुजाता का देवर मालाजुला वेणुगोपाल ऊर्फ भूपति जिसे बस्तर में सोनू के नाम से जाना जाता है। यह भी केंद्रीय कमेटी सदस्य है, जो कि अबूझमाड़ और गढ़चिरौली इलाके में सक्रिय है। थुलथुली मुठभेड़ में यह बाल-बाल बचा था। तेलंगाना पुलिस के सूत्रों ने बताया कि वह बस्तर से अपने घुटने में दर्द का इलाज करवाने महबूबनगर आई थी। लेकिन एसआईबी की सूचना पर पुलिस ने उसे धर दबोचा। बस्तर में साउथ सब जोनल ब्यूरो के अंतर्गत दरभा, दक्षिण बस्तर व पश्चिम बस्तर की तीन डिवीजनल कमेटी आती हैं। इन तीनों की वह प्रभारी थी।

महिला नक्‍सली सुजाता से पूछताछ कर रही है पुलिस

इस मामले में बस्तर पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान को और तेज करने का निर्णय लिया है। पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें ताकि क्षेत्र में नक्सली प्रभाव को कम किया जा सके। पुलिस अब सुजाता से पूछताछ कर रही है और उसके जरिए नक्सलियों के अन्य नेटवर्क और योजनाओं के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।

नक्सल संगठन में उसके कई नामनक्सल संगठन में सुजाता के कई नाम प्रचलित हैं। उसे पद्मा, कल्पना, सुजाता, सुजातक्का, झांसीबाई कहा जाता है। बंगाल में उसे मैनीबाई के नाम से भी जाना जाता है। 12वीं तक पढ़ी सुजाता अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, ओडि़या, तेलुगु के साथ गोंडी, हल्बी बोली की जानकार है।

पुलिस ने बताया कि वह इलाज के लिए तेलंगाना पहुंची थी, तभी पकड़ी गई। उस पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये का इनाम था। पुलिस को उससे पूछताछ में नक्सलियों के बारे में बड़ा इनपुट मिलने की उम्मीद है।

बड़े हमलों के पीछे सुजाता का दिमाग

बड़े हमलों के पीछे सुजाता का ही दिमाग रहा है। 2007 में एर्राबोर में 23 जवान बलिदान, अप्रैल 2010 में ताड़मेटला में 76 जवान बलिदान, 2010 में गादीरास में 36 की हत्या, झीरम में 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमले में 31 की हत्या, 2017 चतागुफा में 25 जवान, मिनपा में 17 जवान, टेकुलगुड़ेम में 21 जवान के बलिदान की घटनाओं के पीछे सुजाता ही रही है।