नई दिल्ली, 28 मार्च। BJP Victorious : अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का मतदान होने से पहले ही भाजपा के 5 प्रत्याशी विजयी हो गए हैं। इनके विरुद्ध कांग्रेस समेत किसी राजनीतिक दल ने प्रत्याशी ही नहीं उतारे। निर्विरोध विजयी होने वालो में अरुणाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी शामिल हैं।
अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा चुनावों के साथ ही विधानसभा के भी चुनाव भी प्रस्तावित हैं। इनके लिए मतदान 19 अप्रैल, 2024 को होने वाला है। इन विधानसभा चुनावों के लिए बुधवार (27 मार्च, 2024) तक नामांकन भरे जाने थे। हालाँकि, शाम तक अरुणाचल की 5 सीटों पर मात्र एक ही नामांकन प्राप्त हुआ जो कि भाजपा के उम्मीदवारों का था।
ऐसे में नामांकन ना प्राप्त होने की दशा में यह उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के विरुद्ध भी कोई नामांकन नहीं हुआ। वह अरुणाचल के तवांग जिले की मुक्तो सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह इस सीट से चौथी बार निर्वाचित हो रहे हैं। इनमें से तीन बार वह निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं।
चुनाव आयोग ने अभी नहीं की औपचारिक घोषणा
मुख्यमंत्री खांडू के अलावा ताली से जिक्के ताको, सागाली से रातू तेची, तलिहा से न्यातो डुकोम, और रोइंग विधानसभा सीट से मुच्चू मीठी के विरोध में भी कोई प्रत्याशी नहीं खड़ा हुआ। ऐसे में मुख्यमंत्री खांडू के साथ ही यह भी निर्विरोध विधायक निर्वाचित होंगे। अभी चुनाव आयोग ने इस सम्बन्ध में औपचारिक घोषणा नहीं की है। गौरतलब है कि इसमें से न्यातो डुकम उस सीट से निर्विरोध जीते हैं जो राज्य के पूर्व कॉन्ग्रेसी मुख्यमंत्री नबाम तुकी की सीट रही है।
निर्विरोध निर्वाचित होने को लेकर पेमा खांडू ने कहा, “पांच विधानसभा क्षेत्रों में केवल एक नामांकन पत्र भरा गया है। हमें आशा है कि नाम वापसी के आखिरी दिन तक कुछ और सीटें इसमें जुड़ जाएँगी।” अरुणाचल में 30 मार्च, 2024 नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है।
राज्य विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने जहाँ सभी 60 प्रत्याशियों की घोषणा नामांकन से कुछ दिन पहले ही कर दी थी, वहीं कॉन्ग्रेस और NPP इस मामले में पिछड़ गईं। कॉन्ग्रेस ने राज्य में 60 विधानसभा सीटों में से मात्र 34 विधानसभा सीटों पर ही अपने प्रत्याशी घोषित किए। कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की एक ही सूची जारी की और उसके बाद नामांकन की समय सीमा समाप्त हो गई।
भाजपा ने प्रचंड बहुमत से बनाई थी सरकार
इससे पहले 2019 के राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से जीत कर सरकार बनाई थी। तब राज्य की 60 सीटों में से भाजपा को 41 सीटें मिली थी। कांग्रेस ने इस चुनाव में भी मात्र 46 प्रत्याशी ही उतारे थे। कांग्रेस को यहाँ मात्र 4 सीटों पर विजय मिली थी। जदयू के भी राज्य में 15 में से 7 उम्मीदवार जीते थे जिन्होंने बाद में भाजपा का दामन थाम लिया था।
राज्य की अन्य पार्टी NPP ने विधानसभा चुनाव लड़ने और लोकसभा में भाजपा के उम्मीदवारों का समर्थन करने का निर्णय लिया है। मेघालय की सत्ता में काबिज NPP ने राज्य में 29 उम्मीदवार उतारे हैं। राज्य में दो लोकसभा की भी सीट हैं। इन दोनों सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी रिपीट किए हैं। अरुणाचल प्रदेश पूर्वी से तापिर गाओ जबकि पश्चिमी सीट से केन्द्रीय मंत्री करें रिजीजू को फिर से उतारा गया है।
कांग्रेस ने भी इन दोनों सीट से अपने लोकसभा उमीदवार घोषित किए हैं। अरुणाचल प्रदेश पश्चिमी से पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी जबकि पूर्वी सीट से बोसिराम सीरम (BJP Victorious) को उतारा गया है। राज्य इस बार भी भाजपा की सरकार बनने के कयास लग रहे हैं।