वडोदरा, 19 जनवरी। Boat Accidents : दुर्घटना चाहे कहीं भी हो, मरने वाला तो इंसान ही होता है। कल जब दर्जनभर मासूम बच्चे झील में डूब गये तो परिजनों को क्या पता था कि उनके जिगर का टुकड़ा अब दो पैरों पर नहीं बल्कि चार कंधों पर घर पहुंचेगा। बिना लाइफ जैकेट के चली इस नाव ने 12 छात्रों समेत 2 शिक्षकों को छीन लिया। वडोदरा की जानलेवा पिकनिक न केवल उस क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि देश-दुनिया भर में इसे देखने वाले ‘अभिभावकों’ के लिए भी एक सबक है।
गुजरात के वडोदरा में गुरुवार को एक बड़े हादसे में नाव पलटने से 12 स्कूली बच्चे और 2 टीचरों की मौत हो गई। हादसे के बाद गुजरात के सीएम मौके पर पहुंचे और उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने डीएम से 10 दिनों में हादसे की रिपोर्ट मांगी है। इस बीच 5 लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है। मुख्य आरोपी समेत दो लोग गिरफ्तार किए गए हैं और बाकी 3 आरोपियों को पकड़ने के लिए 9 टीमों का गठन किया गया है।
दरअसल, वडोदरा के एक प्राइवेट स्कूल के बच्चे गुरुवार को हिरणी झील में पिकनिक मनाने गए थे। बोट में एक के बाद एक करीब 35 लोग सवार हुए। किसी को भी लाइफ जैकेट नहीं पहनाई गई और बोट झील की तरफ निकल पड़ी। इस बोट में 27 स्कूली बच्चे और उनके टीचर भी सवार थे। बोट में सवार बच्चों और उनके टीचरों ने ख्वाब में भी नहीं सोचा होगा कि ये पिकनिक उनके लिए जानलेवा साबित होगी।
शाम पौने पांच बजे हुआ हादसा
शाम के करीब पौने पांच बज रहे थे। बोट क्षमता से अधिक लोगों का बोझ नहीं झेल पाई और अचानक झील के गहरे हिस्से पर जाकर पलट गई। मौके पर चीख-पुकार मच गई। बोट में सवार बच्चे और बाकी लोग सहायता की गुहार लगाने लगे। आनन-फानन में पुलिस-प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन जब तक रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची, कई बच्चे डूब चुके थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ तो 12 बच्चों को नहीं बचाया जा सका। दो टीचरों की भी जान चली गई। वहीं कई बच्चों और लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। जैसे ही हादसे की खबर फैली हड़कंप मच गया। गुजरात के मुख्यमंत्री भी हादसे वाली जगह पर पहुंचे और जांच कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद पांच लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
किसकी लापरवाही से गई जान?
अब सवाल ये कि हादसा हुआ कैसे हुआ? किसकी लापरवाही से बच्चों की जान गई? स्कूल की गलती थी या बोट ऑपरेट करने वाली कंपनी की। इन सवालों का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है, हालांकि अधिकारी बता रहे हैं कि बच्चों की संख्या ज्यादा थी. साथ ही सुरक्षा के उपाय भी नहीं थे। न मौके पर गोताखोर थे और न ही लाइफ जैकेट।
सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या बोट ऑपरेटर ने पहली बार लापरवाही की? अगर नहीं तो प्रशासन क्या कर रहा था। सुरक्षा के मुक्कमल उपाय क्यों नहीं थे. लेकिन इन सबसे बड़ा सवाल ये कि स्कूल प्रशासन ने बिना सुरक्षा उपायों की जांच किए बच्चों को पिकनिक पर क्यों भेजा?
मृतकों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान
नाव हादसे (Boat Accidents) को लेकर PMO ने मुआवजे का ऐलान किया है। प्रत्येक मृतक के परिजनों को PMNRF से 2 लाख रुपये दिए जाएंगे, वहीं घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। गुजरात सरकार ने भी सहायता राशि का ऐलान किया है। गुजरात सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये सहायता देने की घोषणा की है।