Pitru Paksha 2025 : पितरों की तृप्ति का पर्व पितृपक्ष…! जानें किन-किन तिथियों को कौन-सा श्राद्ध करें…यहां देखें सम्पूर्ण List
धर्म डेस्क, 11 अगस्त। Pitru Paksha 2025 : पितृपक्ष वर्ष (श्राद्ध पक्ष) की शुरुआत 7 सितंबर, रविवार से हो रही है, और यह पावन अवधि 21 सितंबर, रविवार को “सर्वपितृ अमावस्या” के साथ समाप्त होगी। पितृपक्ष का धार्मिक महत्व पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यह अवधि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिसमें तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध जैसे धार्मिक कर्म किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता अनुसार, पितर इस दौरान धरती पर आते हैं और उनसे जुड़ी विधियों के माध्यम से उनकी आत्मा को तृप्त किया जाता है। इससे पितृ दोष शांत होता है और परिवार में समृद्धि, शांति व सुख की प्राप्ति होती है। पितृपक्ष में श्राद्ध की विधि श्राद्ध सामग्री सूची सामग्री उपयोग कुशा घास आसन व पूजा के लिए तिल (काले) तर्पण व पिंडदान में अक्षत (चावल) पूजा व पिंडदान में जौ पिंड बनाने के लिए जल (गंगाजल) तर्पण हेतु पिंड (चावल/जौ/घी/तिल मिश्रण) पितरों के लिए फल व मिठाई भोग हेतु वस्त्र (धोती आदि) ब्राह्मण को दान हेतु दक्षिणा ब्राह्मण सेवा में घी, शुद्ध भोजन सामग्री पकवान के लिए पात्र (पीतल/तांबा) तर्पण और दान के लिए पूजा थाली व दीपक धार्मिक विधियों हेतु विशेष ध्यान देने योग्य बातें कहां करें श्राद्ध? घर पर ब्राह्मण को बुलाकर कर सकते हैं। या गया, वाराणसी, प्रयागराज, उज्जैन, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार जैसे पवित्र स्थलों पर भी श्राद्ध कर सकते हैं। पितृपक्ष की तिथियाँ तिथि दिन श्राद्ध तिथि का नाम 7 सितम्बर रविवार पूर्णिमा श्राद्ध 8 सितम्बर सोमवार प्रतिपदा श्राद्ध 9 सितम्बर मंगलवार द्वितीया श्राद्ध 10 सितम्बर बुधवार तृतीया/चतुर्थी श्राद्ध 11 सितम्बर गुरुवार पंचमी/महा भरणी श्राद्ध 12 सितम्बर शुक्रवार षष्ठी श्राद्ध 13 सितम्बर शनिवार सप्तमी श्राद्ध 14 सितम्बर रविवार अष्टमी श्राद्ध 15 सितम्बर सोमवार नवमी श्राद्ध 16 सितम्बर मंगलवार दशमी श्राद्ध 17 सितम्बर बुधवार एकादशी श्राद्ध 18 सितम्बर गुरुवार द्वादशी श्राद्ध 19 सितम्बर शुक्रवार त्रयोदशी / मघा श्राद्ध 20 सितम्बर शनिवार चतुर्दशी श्राद्ध 21 सितम्बर रविवार सर्वपितृ अमावस्या (सभी तिथियाँ हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की कृष्ण पक्ष में हैं)





