रायपुर, 05 फरवरी। CG Liquor Scam : छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। मंगलवार को ED की विशेष अदालत में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। वहीं, बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने 21 जनवरी को कवासी लखमा को न्यायिक हिरासत पर भेजा था। अब ED कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए और बढ़ा दी। इस मामले में अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी। शराब घोटाले में जांच जारी है, और ED मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में l ED ने को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को 14 जनवरी को गिरफ्तार किया था। इससे पहले, ईडी ने उनसे दो बार करीब 8-8 घंटे तक पूछताछ की थी।
अवैध सिंडिकेट ने दिया था अंजाम
ईडी ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले की जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट ने इस घोटाले को अंजाम दिया।
ऐसे हुआ घोटाला
सरकारी शराब दुकानों में नकली होलोग्राम लगाकर शराब बेची गई, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। प्राइवेट कारोबारियों और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध शराब बिक्री का एक संगठित रैकेट चलाया गया। ईडी की जांच में सामने आया कि कवासी लखमा (CG Liquor Scam) को इस घोटाले से हर महीने कमीशन मिलत था।
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को आयकर विभाग ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सौम्या चौरसिया के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिसमें बताया गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है। महापौर ऐजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर का भाई अवैध वसूली के खेल में शामिल है। जिसके बाद ईडी ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA Act के तहत मामला दर्ज किया। अबतक मामले में 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया है।