भोपाल, 25 दिसंबर। CM Mohan Cabinet : चट मंगनी और पट विवाह तो आप सभी ने देखा ही होंगे लेकिन क्या चट विधायक और पट मंत्री देखा है….? नहीं देखा तो मध्यप्रदेश के डॉ. मोहन मंत्रिमंडल में देख लीजिए। डॉक्टर साहब के मंत्रिमंडल में पहली बार MLA बने और पहली ही बार ‘मंत्री’ पद पर ताजपोशी हुई।
भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीते 17 सितंबर को अपनी दूसरी सूची जारी करती है। रायसेन जिले की उदयपुरा सीट से नरेंद्र शिवाजी पटेल को टिकट दिया जाता है। 17 नवंबर को वोटिंग होती है और 3 दिसंबर को घोषित परिणाम में बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र शिवाजी पटेल की जीत होती है। सोमवार यानी 25 दिसंबर को पहली बार के विधायक पटेल को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाती है। सिर्फ एक नहीं, 28 में से 7 मंत्रियों की कुछ ऐसी ही कहानी है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने 28 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन राजभवन के सांदीपनि सभागार में किया गया था। समारोह में 18 कैबिनेट मंत्री, 6 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 4 राज्यमंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। इनमें 7 मंत्री तो पहली बार के विधायक हैं। यानी चट विधायक और पट मंत्री।
प्रतिमा बागरी मध्य प्रदेश की नई सरकार में सतना जिले की रैगांव सीट से पहली बार विधायक बनीं प्रतिमा बागरी को राज्य मंत्री बनाया गया है। 35 साल की प्रतिमा MSW और LAW से ग्रेजुएट हैं। मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र की मंत्री प्रतिमा इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कल्पना वर्मा को 36 हजार 124 वोटों से हराया था। रैगांव के विधायक जुगुल किशोर बागरी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में प्रतिमा को चुनाव लड़ाया गया था, लेकिन हार मिली थी। अब दूसरी बार में इस महिला नेत्री ने बड़े अंतर से फतह हासिल की।
राधा सिंह बीजेपी सरकार में मंत्री रहे जगन्नाथ सिंह की बहू राधा रविंद्र सिंह सिंगरौली की चितरंगी सीट से पहली बार विधायक चुनकर आई हैं। साल 2008 में पहली जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का गौरव भी राधा सिंह के नाम है। आदिवासी नेत्री राधा सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार मानिक सिंह 59 हजार 879 वोटों से पराजित कर विधानसभा का मार्ग प्रसस्त किया है।
संपतिया उइके 56 साल की संपतिया उइके मंडला से पहली बार विधायक बनीं और अब प्रदेश की कैबिनेट मंत्री भी। उइके राज्यसभा सदस्य और 3 बार मंडला की जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। आदिवासी महिला नेत्री संपतिया ने अपने राजनीतिक करियर का आवाज टिकरवाड़ा गांव से सरपंच का चुनाव जीतकर किया था।
नरेंद्र शिवाजी पटेल रायसेन बीजेपी के जिलाध्यक्ष रह चुके शिवाजी पटेल के बेटे नरेंद्र पटेल पहली बार विधायक और मंत्री बने हैं। इंजीनियर नरेंद्र पटेल भारतीय जनता युवा मोर्चा में बड़े पदों पर रह चुके हैं। उदयपुरा विधानसभा सीट चुने गए नरेंद्र शिवाजी पटेल को मोहन यादव सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया है।
दिलीप अहिरवार छतरपुर जिले की चंदला सीट से पहली बार जीतकर विधायक बने 46 साल के दिलीप अहिरवार को भी मोहन मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। चंदला रिजर्व सीट से अहिरवार ने 15, 491 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के हरप्रसाद अनुरागी को परास्त किया था।
CM के दावेदार प्रह्लाद सिंह पटेल भी बने मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्य मंत्री और मोदी सरकार में जल शक्ति मंत्री रहे प्रहलाद सिंह पटेल अब प्रदेश में कैबिनेट मंत्री बने हैं। वह पहली बार नरसिंहपुर सीट से विधायक चुने गए हैं। इससे पहले पटेल 1989, 1996, 1999, 2014, और 2019 में सांसद बने। प्रहलाद सिंह पटेल लोधी समुदाय के प्रख्यात नेता हैं।
बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह अब मंत्री 61 साल के राकेश सिंह भी पहली बार विधायक बने और मोहन कैबिनेट में मंत्री बने हैं। 4 बार के सांसद, लोकसभा में मुख्य सचेतक के अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रह चुके राकेश सिंह बीजेपी के हैवी वेट नेताओं में गिने जाते हैं। बीजेपी नेता राकेश ने जबलपुर पश्चिम विधानसभा से 2 बार के कांग्रेस विधायक और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट को हराया था।
डॉ मोहन यादव कैबिनेट के मंत्री
कुंवर विजय शाह, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, करण सिंह वर्मा, उदय प्रताप सिंह, सम्पतिया उइके, तुलसीराम सिलावट, एदल सिंह कंषाना, निर्मला भूरिया, गोविन्द सिंह राजपूत, विश्वास सारंग, नारायण सिंह कुशवाह, नागर सिंह चौहान, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राकेश शुक्ला, चैतन्य काश्यप ‘भैया जी’ और इंदर सिंह परमार.
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में कृष्णा गौर, धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, दिलीप जायसवाल, गौतम टेटवाल, लखन पटेल और नारायण सिंह पंवार।
राज्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वालों में नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रतिमा बागरी, अहिरवार दिलीप और राधा सिंह शामिल हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के अध्यक्षता वाले मप्र मंत्रिमंडल में दो उप मुख्यमंत्री हैं- राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा. 230 विधायकों वाले मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद की अधिकतम संख्या 35 हो सकती है।
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 163 सीटें और कांग्रेस ने 66 सीटें जीती थीं। मोहन यादव ने 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, साथ ही शुक्ला और देवड़ा ने उपमुख्यमंत्री (CM Mohan Cabinet) पद की शपथ ली थी।