Congress Manipur Tour: Listen to what Rajya Sabha MP Phulodevi Netam said...VIDEOCongress Manipur Tour
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इंफाल, 31 जुलाई। Congress Manipur Tour : देश-दुनिया में मणिपुर हिंसा की चर्चा हो रही है। ऐसे में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के 21 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दो दिन का मणिपुर दौरा पूरा कर रविवार 30 जुलाई दोपहर दिल्ली लौट आया। इसके पहले इन सांसदों ने मणिपुर की गवर्नर अनुसुइया उइके से मुलाकात की।

मणिपुर से लौटकर राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम मीडिया से चर्चा करते हुए भावुक हुई। उन्होंने कहा कि, राहत शिविरों में भोजन, स्नानघर और शौचालय की उचित व्यवस्था नहीं है। लोग बच्चों के लिए दवाएँ खरीदने में असमर्थ हैं क्योंकि उनके घर जला दिए गए हैं, इसलिए उनके पास कुछ भी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि, मणिपुर के हालात की भरोसेमंद रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी।

आपको बता दे कि, मणिपुर गए I.N.D.I.A के सांसदों में फूलो देवी भी थीं। फूलो देवी ने बताया कि पीड़ित कह रहे हैं कि पुलिस मौजूद है, लेकिन वो कुछ कर नहीं रही। सरकार भी कोई एक्शन नहीं ले रही। हम मांग करेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आकर मणिपुर पर चर्चा करें।

मुलाकात के बाद 21 सांसदों ने अपने हस्ताक्षर वाली एक चिट्‌ठी उन्हें सौंपी। इसमें उन्होंने मांग की है कि राज्यपाल सरकार से कहें कि राज्य में हो रही हिंसा को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएं। विपक्षी सांसदों ने कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी दिखाती है कि वो गंभीर नहीं हैं।

पढ़ें I.N.D.I.A सांसदों की राज्यपाल को चिट्ठी

हम I.N.D.I.A के सदस्यों ने चुराचांदपुर, मोइरांग और इंफाल के रिलीफ कैंप का दौरा किया है। वहां हम हिंसा पीड़ितों से मिले। उनके दुख, कहानियां, आपबीती सुनकर हम हैरान और दुखी हैं। उनमें खुद को दूसरे समुदायों से अलग किए जाने का गुस्सा है। इस पर बिना देर किए एक्शन लेने की जरूरत है।

राज्य और केंद्र सरकार इन दो समुदाय के लोगों के जीवन और संपत्ति को सुरक्षा देने में फेल रही हैं क्योंकि अब तक 140 मौतें, 500 से ज्यादा कैजुअलिटी और 5 हजार से ज्यादा घरों में आग लगाने की घटनाएं हो चुकी हैं। 60 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित किए गए हैं।

पिछले कुछ दिनों में फायरिंग और आगजनी की घटनाओं से ये साबित हो गया है कि सरकारी मशीनरी तीन महीने से चल रही हिंसा को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही है। रिलीफ कैंपों में हालात बद्तर हैं। बच्चों को विशेष देखभाल की बेहद जरूरत है। सभी विषयों के स्टूडेंट्स भी भविष्य की अनिश्चितता से जूझ रहे हैं। जिसे देखना सरकार की सबसे पहली जिम्मेदारी है।

तीन महीने से इंटरनेट पर लगा बैन निराधार अफावाहों को बढ़ा रहा है। इससे अविश्वास और बढ़ा है। प्रधानमंत्री की चुप्पी ये दिखाती है कि वे मणिपुर हिंसा को लेकर उदासीन हैं। हम आपसे अपील करते हैं कि राज्य में शांति को दोबारा बहाल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं ताकि न्याय की नींव बनी रहे, क्योंकि ये सबसे जरूरी है।

आपसे ये भी अनुरोध करते हैं कि सरकार को इस बात से अवगत कराएं कि राज्य में 89 दिनों से कानून-व्यवस्था चरमराई हुई है और यहां शांति और जन-जीवन सामान्य करने के लिए उसका हस्तक्षेप (Congress Manipur Tour) करना जरूरी है।

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