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चक्रवात बिपरजॉय के दौरान गुजरात में कुल 707 महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘गुजरात में चक्रवात बिपरजोय के दौरान प्रभावित इलाकों से 1,206 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित रूप से अलग-अलग अस्पतालों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में शिफ्ट किया गया, जिनमें से 707 महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया.’

गंभीर स्थिति में 108 नंबर की 202 एंबुलेंस को तैयार रखा गया है. घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए 302 सरकारी एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं. साथ ही राज्य के 458 अस्पतालों में इमरजेंसी और सभी ट्रॉमा सुविधाओं के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सभी डॉक्टर स्टैंडबाय पर थे, ताकि अगर कोई घायल व्यक्ति अस्पताल पहुंचता है तो उसका तुरंत इलाज किया जा सके.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने आश्रय गृहों की पहचान की थी, जिनमें महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को रखा गया था, जहां सभी लोगों के लिए भोजन, आवास, राशन की व्यवस्था की गई थी.

एहतियात के तौर पर 73,000 से अधिक जानवरों को भी प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया था, हालांकि चक्रवात के दौरान 60 से 70 जानवर भी मारे गए. अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 8 पक्के और 156 कच्चे घर क्षतिग्रस्त हुए. इसके अलावा 647 झुग्गियां भी तूफान के चपेट में आ गईं. राज्य में चक्रवात के कारण 3021 पेड़ उखड़ गए. वहीं सैकड़ों पोल गिरने से हजारों गांवों की बिजली गुल हो गई, हालांकि अब बिजली व्यवस्था को तेजी से बहाल किया जा रहा है.

अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्थिति का स्वयं जायजा लिया और उन कदमों के निर्देश दिए जिन्हें उठाया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का मार्गदर्शन किया.

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