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पटना, 13 दिसम्बर| Education Department Action:  बिहार में पढ़ाई का क्या हाल है ये बात किसी से छिपी नहीं है। हर साल सरकार शिक्षकों की भर्ती निकालती है जिससे अच्छे टीचर की नियुक्ति हो और बच्चों का भविष्य सुधर सके। लेकिन बिहार के स्कूलों का हाल ज्यों का त्यों ही बना हुआ है।

बिहार में तीसरी, पांचवी और आठवीं कक्षा के बच्चों का पढ़ना-लिखना और मैथ सब्जेक्ट काफी कमजोर है। ये बात हम नहीं खुद राज्य का शिक्षा विभाग कह रहा है। शिक्षा विभाग ने खुद एक जांच में इस खामी को पाया है इसलिए अब उसने एक विशेष फरमान भी जारी किया है।

1 हजार स्कूलों में किया जांच

शिक्षा विभाग ने हाल ही में खुद 1 हजार स्कूलों के 25000 बच्चों की क्षमता परखी और पाया कि तीसरी, पांचवी और आठवीं कक्षा के बच्चों का पढ़ना-लिखना और मैथ सब्जेक्ट कमजोर है। इसलिए विभाग ने सभी स्कूलों में रोजाना एक घंटे की स्पेशल रीडिंग क्लास और मैथ की एक्सट्रा क्लास कराने का आदेश दिया (Education Department Action)है। साथ ही कहा है हर स्कूल में 3 माह तक प्रत्येक सोमवार को टेस्ट होगा जिससे बच्चों का बेस मजबूत हो सके।

मैथ काफी दिखी कमजोर

विभाग ने बताया कि तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों को किताब पढ़ने और जोड़-घटाव, गुणा-भाग करने में अभी भी दिक्कत है इसलिए अब विभाग ने नया प्लान बनाया है। इस प्लान के तहत पहली से 8वीं कक्षा तक के सभी बच्चों के लिए रोज एक घंटे की स्पेशल क्लास (Education Department Action)होगी।

एक क्लास रीडिंग की होगी, जिसमें बच्चों को किताब पढ़ाया जाएगा। दूसरी क्लास मैथ की होगी, जिसमें बच्चों को जोड़-घटाव, गुणा-भाग बताया जाएगा। शिक्षा विभाग ने कहा है कि एकेडमिक सेशन खत्म होने में 3 माह बचे हुए हैं। ऐसे में स्कूलों को 90 दिनों की शेष अवधि में रोजाना कक्षा 1 से 8 तक छात्र के लिए बेसिक मैथ और मैथ के प्रश्नों को त्वरित गति से हल करना अनिवार्य रूप से सिखाया जाना है।