Election 2024: Political parties spend so much on online advertising only…! This party's expenditure is more than 300 times...see figures of all partiesElection 2024
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नई दिल्ली, 09 मार्च। Election 2024 : लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दलों ने डिजिटल कैंपेन सहित जनता तक बड़े पैमाने पर पहुंच की कोशिशें तेज कर दी हैं। मेटा और गूगल का अनुमान है कि पिछले तीन महीनों में भारत में राजनीतिक विज्ञापन खर्च 102.7 करोड़ रुपये के करीब है। तकनीकी दिग्गजों द्वारा जारी आंकड़ों के एनालिसिस से पता चलता है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 5 दिसंबर से 3 मार्च के बीच ऑनलाइन विज्ञापनों पर 37 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए, यह आंकड़ा उसकी मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस से 300 गुना ज्यादा है।

इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम के एनालिसिस के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) और इसकी कई इकाइयों द्वारा ऑनलाइन कंटेंट प्रमोशन पर खर्च केवल 12.2 लाख रुपये था। इस दौरान Google और Meta प्लेटफॉर्म पर अपने कुल ऑनलाइन विज्ञापन खर्च में से, कांग्रेस ने अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के फेसबुक पोस्ट को बढ़ावा देने के लिए 5.7 लाख रुपये खर्च किए, जो मौजूदा वक्त में अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के जरिए हिंदुस्तान का दौरा कर रहे हैं।

अन्य पार्टियों की क्या स्थिति

आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 4 करोड़ रुपये के साथ भारत की राजनीतिक विज्ञापन खर्च लिस्ट में दूसरे पायदान पर है। इसके बाद ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD) ने 51 लाख रुपये, वाईएसआर-प्रतिद्वंद्वी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने 39.5 लाख रुपये और ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने 27 लाख रूपये खर्च किए हैं। YSRCP के हिस्से में उसकी ओर से इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) द्वारा खरीदे गए विज्ञापन शामिल हैं।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की बिहार-केंद्रित जन सुराज पार्टी ने तेलुगु भाषा में कुछ यूट्यूब वीडियोज को बढ़ावा देने के लिए 2.5 लाख रुपये खर्च किए, जबकि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने 250 रुपये का निवेश किया।

आंकड़ों से पता चलता है कि समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिवसेना गुटों जैसी कई क्षेत्रीय पार्टियों ने ऑनलाइन विज्ञापनों पर खर्च नहीं करने का विकल्प चुना है।

आम आदमी पार्टी गूगल पर एक विज्ञापनदाता के रूप में रजिस्टर्ड है, लेकिन ऐसा लगता है कि उसने इस अवधि के दौरान पार्टी की तरफ से कोई पैसा खर्च नहीं किया है। हालांकि यह मेटा के साथ रजिस्टर्ड नहीं है। यह व्यवहार उस पार्टी के लिए असामान्य लगता है, जिसका डिजिटल डॉमिनेंस बीजेपी के बाद दूसरे नंबर पर माना जाता है। हालांकि, राजनीतिक समूह अक्सर सार्वजनिक जांच से बचने के लिए अन्य कमर्शियल या सामाजिक संगठनों के जरिए विज्ञापन दोबारा भेजते हैं।

विज्ञापन देने वालों के अपारदर्शी नेटवर्क

डेटासेट से पता चलता है कि शैडो नेटवर्क्स बीजेपी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और बीजेडी सहित कई पार्टियों के समर्थन में खासकर मेटा (Election 2024) पर पेड पॉलिटिकल कैंपेन चला रहे हैं।