नई दिल्ली, 16 जून। EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने अपने कर्मचारियों के प्रोविडेंड फंड, पेंशन और इंश्योरेंस कंट्रीब्यूशन डिपॉजिट करने में चूक करने या देरी करने वाले एम्प्लॉयर्स पर पेनल चार्ज को कम कर दिया है। पहले एम्प्लॉयर्स पर यह चार्ज सबसे अधिक 25 फीसदी प्रति साथ था। लेकिन अब कम करके बकाया का प्रति माह 1 फीसदी या 12 फीसदी सालाना कर दिया गया है। ईपीएफओ की ओर से यह एम्प्लॉयर्स के लिए बड़ी राहत है।
श्रम मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि एम्प्लॉयर से जुर्माना तीन स्कीम्स कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS),एम्प्लाई प्रोविडेंड फंड (EPF) स्कीम और EPFO के तहत एम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) में प्रति माह कंट्रीब्यूशन के बकाया का 1 फीसदी या प्रति वर्ष 12 फीसदी की दर से वसूला जाएगा।
अभी तक इतना लगता था जुर्माना
जुर्माने की बात करें तो अभी तक दो महीने तक की चूक पर 5 फीसदी सालाना, दो से ज्यादा और चार महीने से कम पर 10 फीसदी का जुर्माना था। इसके अलावा, 4 महीने से ज्यादा और 6 महीने से कम पर 15 फीसदी का जुर्माना था। वहीं 6 महीने और उससे ज्यादा की चूक पर 25 फीसदी तक का जुर्माना प्रति साल लगाया जाता था। अब नए जुर्माने का नियम नोटिफिकेशन के डेट से लागू होगा।
नियोक्ता पर क्या होगा असर
इस नए नियम के मुताबिक, अब एम्प्लॉयर को कम जुर्माना देना होगा। साथ ही 2 महीने या 4 महीने की चूक पर जुर्माने की राशि हर महीने 1 फीसदी के हिसाब से ही देना होगा। इसका मतलब है कि नियोक्ता के लिए जुर्माने की राशि के करीब दोगुनी से ज्यादा कमी आई है।
बता दें नियम के मुताबिक वर्तमान में नियोक्ता के लिए हर माह की 15 तारीख को या उससे पहले पिछले माह का रिटर्न EPFO के पास दाखिल करना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो इसके बाद किसी भी प्रकार की देरी को डिफॉल्ट माना जाएगा और जुर्माना लागू होगा।