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रायपुर, 31 दिसम्बर| Fake Cheese Making Business : खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने छापा मारकर ढाई हजार किलो नकली पनीर को जब्त किया। बिरगांव स्थित काशी एग्रो फूड्स कंपनी पर खतरनाक केमिकल का उपयोग कर पनीर बनाने की शिकायत पर सोमवार को छापामार कार्रवाई की गई।

फैक्ट्री में पिछले चार महीने से नकली पनीर बनाने का काम चल रहा था। पनीर बनाने में खतरनाक केमिकल के उपयोग के अलावा मिल्क पाउडर, पाम आयल और वनस्पती घी का उपयोग किया जा रहा था। फैक्ट्री का संचालन उत्तरप्रदेश, आगरा निवासी शिवम गोयल नाम का व्यक्ति कर रहा (Fake Cheese Making Business)था। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग जब छापामार कार्रवाई करने पहुंची, तब भी पनीर बनाने का काम चल रहा था।

अधिकारियों ने फैक्ट्री में पहले से बनी पनीर को जब्त कर लिया। ये कार्रवाई खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के नियंत्रक चंदन कुमार के निर्देशन में सहायक आयुक्त मोहित बेहरा, नितेश मिश्रा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी राखी ठाकुर, खीर सागर पटेल, अजित बघेल, सतीश राज, प्रकाश परमार लैब स्टाफ ने की है।

केमिकल का प्रयोग कर पनीर बनाते पकड़ा

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के नियंत्रक ने बताया कि पहले भी नकली पनीर बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पहले की कार्रवाई में अमानक स्तर के खाद्य पदार्थों का प्रयोग कर पनीर बनाई जा रही थी, लेकिन इस बार खतरनाक केमिकल का प्रयोग कर पनीर बनाते हुए पकड़ा गया (Fake Cheese Making Business)है। पनीर बनाने में कौन सा कैमिकल का प्रयोग किया गया है। इसका पता लैब से जांच रिपोर्ट के बाद लगेगा।

साथ ही पनीर बनाने के लिए जिस पानी का उपयोग किया जा रहा था। उस पानी का टोटल डिसोल्वड सालिड (टीडीएस) स्तर नौ मिला, साथ ही पानी का पीएच का स्तर 8.5 मिला। अफसरों के अनुसार पानी का टीडीएस स्तर भारतीय मानक के अनुसार पांच मिलिग्राम प्रति लीटर होना (Fake Cheese Making Business)चाहिए। पीएच का स्तर सात से ज्यादा नहीं होना चाहिए। पानी में टीडीएस और पीएच का स्तर ज्यादा होने से वह पीने लायक नहीं रहता।

स्टाक रजिस्टर मेंटेन नहीं

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने फैक्ट्री संचालक से स्टाक रजिस्टर देखने के लिए मांगा। तो वहां पर कोई भी स्टाक रजिस्टर नहीं मिला। अफसरों ने आशंका जताई कि फैक्ट्री संचालक हर माह पांच से सात हजार किलो नकली पनीर बनाकर बाजार में बेच रहा है।