नई दिल्ली, 05 फ़रवरी| File Income Tax Return : बजट 2025 में टैक्सपेयर्स के लिए अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न (ITR-U) दाखिल करने की समयसीमा को दो साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है। इससे करदाताओं को गलतियों को सुधारने, छूटी हुई आय घोषित करने और कर कानूनों का अनुपालन करने के लिए अधिक समय मिलेगा।
आइए जानते हैं कि सरकार की इस पहल का एक आम करदाता को कैसे फायदा मिलेगा। अगर आपको भी अपना अपडेटेड रिटर्न फाइल करना है तो कैसे कर पाएंगे। आपके सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश हम कर रहे हैं।
अपडेटेड ITR (ITR-U) क्या है?
अपडेटेड आईटीआर (ITR-U) एक ऐसा फॉर्म है जो करदाताओं को उनके आयकर रिटर्न को अपडेट करने की सुविधा देता है। अगर वे मूल या विलंबित रिटर्न दाखिल करने से चूक गए हैं या पहले से दाखिल रिटर्न में त्रुटियों को ठीक करने की आवश्यकता (File Income Tax Return)है तो वे इस फॉर्म का इस्तेमाल कर अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
हालांकि, करदाता रिफंड का दावा करने, कर देयता को कम करने या घाटे को बढ़ाने के लिए ITR-U का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
ITR-U कौन दाखिल कर सकता है?
कोई भी करदाता जिसने निम्नलिखित में से किसी भी रिटर्न में कोई गलती की है या आय विवरण छोड़ दिया है, वह अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकता है।
ITR-U कब दाखिल करें?
करदाताओं को ITR-U दाखिल करते समय अतिरिक्त कर का भुगतान करना होगा। दर इस बात पर निर्भर करती है कि अपडेटेड रिटर्न कितनी देरी से दाखिल किया गया (File Income Tax Return)है।
अतिरिक्त कर देय के भीतर ITR-U दाखिल करें
संबंधित असेसमेंट ईंयर (AY) के अंत से 12 महीने कर + ब्याज का 25%
संबंधित AY के अंत से 24 महीने कर + ब्याज का 50%
संबंधित AY के अंत से 36 महीने कर + ब्याज का 60%
संबंधित AY के अंत से 48 महीने कर + ब्याज का 70%
कौन ITR-U दाखिल नहीं कर सकता?
पहले से ही अपडेट रिटर्न दाखिल किया हुआ है।
शून्य रिटर्न या घाटे वाला रिटर्न दाखिल करना।
रिफंड राशि बढ़ाना चाहते हैं।
अपडेट रिटर्न के परिणामस्वरूप कर देयता कम होती है।
धारा 132, 133A, या 132A के तहत खोज या सर्वेक्षण शुरू किया गया है।
कर निर्धारण/पुनर्मूल्यांकन लंबित है या पूरा हो गया है।
कोई अतिरिक्त कर बकाया नहीं है (TDS/घाटे के साथ समायोजित)।
अपडेटेड रिटर्न कैसे फाइल करें?
आयकर विभाग की वेबसाइट से ITR-U फॉर्म डाउनलोड करें।
ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें और “अपडेट रिटर्न (ITR-U)” चुनें।
अतिरिक्त आय और देय कर सहित आवश्यक विवरण दर्ज करें।
जमा करने से पहले अतिरिक्त कर की गणना करें और उसका भुगतान करें।
फॉर्म जमा करें और आधार OTP, नेट बैंकिंग या DSC का उपयोग करके रिटर्न सत्यापित करें।