Ganesh Chaturthi: The destroyer of obstacles will sit...! All troubles go away with this name only… Know the method of establishment and auspicious timeGanesh Chaturthi
Spread the love

डेस्क रिपोर्टर, 19 सितम्बर। Ganesh Chaturthi : भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। इस साल गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर से हो रही है। गणेश उत्सव का यह पावन पर्व 10 दिनों तक चलता है। वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन इस उत्सव का समापन होता है। इस दौरान लोग ढोल नगाड़ों के साथ बड़ी ही धूमधाम से बप्पा को अपने घर लाते हैं।

पूरे गणेश उत्सव के दिनों में चारों ओर बप्पा के नाम का उद्घोष सुनाई पड़ता है। गणेश उत्सव का पर्व हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। गणपति बप्पा बुद्धि और शुभता के देवता हैं। उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, उनका हर नाम बहुत चमत्कारी है। कहा जाता है कि जहां पर बप्पा विराजते हैं वहां हर समय सुख-समृद्धि रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल गणेश स्थापना और गणेश विसर्जन कब है…

इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023 को है। इसी दिन से गणेश चतुर्थी की शुरुआत हो रही है। वहीं इसका समापन 28 सितंबर 2023 को अनंत चतुर्थी वाले दिन होगा। इसी दिन बप्पा की मूर्ति का विसर्जन होता है।

गणेश तचुर्थी 2023 मुहूर्त

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरुआत 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से हो रही है। इसका समापन 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर होगा।

गणेश स्थापना का शुभ समय

गणेश स्थापना का शुभ समय 19 सितंबर 2023 को सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक है। 

गणेश उत्सव का महत्व

गणेश जी बुद्धि और शुभता के देवता हैं, जहां पर बप्पा विराजते हैं वहां हर समय सुख-समृद्धि रहती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति गणेश उत्सव के दिनों में गणेश जी को घर में बैठाकर सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, उसके जीवन में खुशियां आती हैं।

गणेश चतुर्थी पूजा विधि

गणेश चतुर्थी पर गणपति स्थापना से पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ कर लें।

फिर पूजा की चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछा कर गणपति बप्पा को चौकी पर स्थापित करें।

अब गणेश जी पर दूर्वा से गंगाजल छिड़कें।

उन्हें हल्दी, चावल, चंदन, गुलाब, सिंदूर, मौली, दूर्वा,जनेऊ, मिठाई, मोदक, फल, माला और फूल अर्पित करें।

अब गणपति बप्पा के साथ-साथ शिव जी और माता पार्वती की भी पूजा करें।

फिर लड्डू या मोदक का भोग लगाएं और आरती करें।

इसी तरह 10 दिन तक रोज सुबह शाम पूजा और आरती (Ganesh Chaturthi) करें।