Jharkhand Vidhan Sabha Chunav : महाराष्ट्र विधानसभा चुनावा की तरह झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) के भी नतीजे सामने आ चुके हैं। एक ओर महाराष्ट्र जहां बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने शानदार जीत दर्ज की तो दूसरी ओर झारखंड, जहां भाजपा की नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
बताते चलें, नतीजों के मुताबिक झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से एनडीए गठबंधन केवल 24 पर ही जीत पाई। लेकिन ऐसी क्या वजह थी कि इतने प्रचार-प्रसार के बावजूद एनडीए को झारखंड में हार का मुंह देखना पड़ा और हेमंत सोरेन न सिर्फ सत्ता में वापस आई, बल्कि दमदार तरीके से एनडीए को धूल भी चटाई।
इसकी बड़ी एक वजह इस साल जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। उनकी गिरफ्तारी ने पूरे राज्य में सहानुभूति की लहर पैदा कर दी थी। कई मतदाताओं का कहना था कि उनकी गिरफ्तारी अनुचित थी। हेमंत सोरेन की इस अचानक गिरफ्तारी ने लोगों के मन में उनके प्रति सहानुभूति पैदा हो गई थी जो कि इस चुनाव में साफ देखने को मिले हैं।
मैया सम्मान योजना की वजह से महिला वोटरों का मिला साथ
इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में करीब 69 प्रतिशत महिला वोटरों ने मतदान किया। विशेष्ज्ञों का मानना है कि जेएमएम की लोकप्रिय मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना उनकी इस शानदार जीत की मुख्य वजह थी। इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को सरकार प्रति माह 1000 रुपये देती है। वहीं, हेमंत सोरेन ने चुनाव से पहले प्रचार के दौरान इस राशि को बढ़ाकर 2500 रुपए कर देने का वादा भी किया था।
पत्नि कल्पना मुर्मू के अथक प्रयासों ने दिलाई जीत (Jharkhand Assembly Election)
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन राजनीतिक सुर्खियों में आ गईं और उन्होंने पार्टी के लिए लगातार रैलियां करना शुरु कर दिया। एक गतिशील वक्ता और भीड़ को आकर्षित करने वाली कल्पना ने रोज आठ से 10 रैलियों को संबोधित किया, महिलाओं से गहराई से जुड़ीं और लोगों से उनके परेशानियों को लेकर बात की। उनके अथक अभियान की पूरे राज्य में गूंज रही। विशेष्ज्ञों का मानना है कि उनके लोगों के साथ जुड़ाव ने इस चुनाव में पार्टी को जीत तक ले जाने में अहम भूमिका निभाई।