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कोटा, 22 जनवरी। Kota Student Suicide : कोटा में एक ही दिन में दो स्टूडेंट्स के सुसाइड से हड़कंप मच गया है। बुधवार को सुबह 9 बजे नीट की तैयारी कर रही 24 वर्षीय छात्रा की आत्महत्या की खबर समाने आई थी, इसके कुछ घंटे बाद ही एक और छात्र आत्महत्या का मामला सामने आया है। कोटा में इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहा 18 वर्षीय छात्र अपने रूम में मृत मिला। छात्र, इस बार जेईई मेन्स परीक्षा में बैठने वाला था, जो 22 जनवरी से 30 जनवरी 2025 तक आयोजित की जा रही है।

बेटे से मिलने पहुंची थी मां

बताया जा रहा है कि मृतक छात्र असम का रहने वाला था और IIT-JEE की तैयारी करने कोटा आया था। आज दोपहर करीब 2 बजे छात्र की मां कोटा पहुंची (Kota Student Suicide)थी। बेटे के रूम का दरवाजा खोला तो बेटे का शव दिखाई दिया। यह देखकर छात्र की मां वहीं बेहोश हो गई. वहां मौजूद लोग दोनों को हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने छात्र को मृत घोषित कर दिया। वहीं छात्र की मां खबर लिखे जाने तक बेहोशी की हालात में है।

5 घंटे में दो स्टूडेंट सुसाइड

राजस्थान की कोचिंग नगरी कहे जाने वाले कोटा में इस साल भी छात्र आत्महत्या का दुखद सिलसिला जारी है. बीते 5 घंटे में स्टूडेंट सुसाइ़ड की यह दूसरी घटना है। सुबह 9 बजे कोटा में रहकर अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम NEET UG की तैयारी कर रही 24 वर्षीय छात्रा ने सुसाइड कर लिया था। मृतक छात्रा गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली थी। हालांकि दोनों ही छात्रों के पास से अभी तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।

22 दिनों में 6 स्टूडेंट सुसाइड

जनवरी के केवल 22 दिनों में कोटा में आत्महत्या की यह छठी घटना है-

7 जनवरी: महेंद्रगढ़ (हरियाणा) के नीरज जाट, जेईई की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने हॉस्टल में सुसाइड किया।

8 जनवरी: गुना (मध्य प्रदेश) के अभिषेक, जेईई के छात्र, पीजी में पंखे से लटके पाए गए।

16 जनवरी: उड़ीसा के अभिजीत गिरी, जेईई के छात्र, ने हॉस्टल में आत्महत्या की।

17 जनवरी: बूंदी के एक छात्र ने खिड़की के कुंडे से लटककर सुसाइड किया।

22 जनवरी: अहमदाबाद की 24 वर्षीय नीट एस्पिरेंट और 18 वर्षीय जेईई एस्पिरेंट ने सुसाइड कर लिया।

मानसिक दबाव का कारण?

कोटा, जो देश का सबसे बड़ा कोचिंग हब माना जाता है, छात्रों पर बढ़ते शैक्षणिक दबाव और मानसिक तनाव के कारण चर्चा में रहता है। छात्रों की आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या ने कोचिंग उद्योग और अभिभावकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। छात्रों पर बढ़ते मानसिक और शैक्षणिक दबाव को कम करने के लिए कोचिंग संस्थानों, माता-पिता और प्रशासन को मिलकर समाधान तलाशने की कोशिश की जा रही है। यह घटनाएं शिक्षा प्रणाली में सुधार और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की गंभीर आवश्यकता को दर्शाती हैं।

https://ekjantakiawaaz.com/influencer-jahnvi-modi/बता दें कि साल 2024 में कोटा में कुल 19 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया था वहीं, साल 2023 में कुल 29 छात्रों के आत्महत्या के मामले सामने आए थे। गंभीर स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन में कई कदम उठाए थे। हॉस्टल के कमरों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाई गई थीं, इसके अलावा छात्रों के लिए एक हेल्प्लाइन नंबर भी जारी किया था, जिससे छात्र अपने किसी भी परेशानी के लिए प्रशासन से बात कर सकते हैं।