Mahadev App Case: Big action in Mahadev App...! Mastermind Saurabh Chandrakar put under house arrest in UAE...now action is being taken to bring him to India VIDEOMahadev App Case
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रायपुर, 27 दिसंबर। Mahadev App Case : महादेव बेटिंग ऐप केस में बड़ा एक्शन लिया गया है। दुबई में महादेव बेटिंग ऐप के मास्टरमाइंड और प्रमोटर सौरभ चंद्राकर को नजरबंद कर दिया गया है। घोटालेबाज चंद्राकर को जल्द ही भारत लाने की कार्रवाई भी की जा सकती है।

दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अधिकारियों ने महादेव बुक ऐप बेटिंग प्लेटफॉर्म के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के खिलाफ ED के अनुरोध पर जारी रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) पर एक्शन लिया है। दुबई में सौरभ चंद्राकर के ठिकाने पर ताला लगाकर उसे नजरबंद कर दिया गया है।

बता दें कि दुबई संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। आरोपी सौरभ चंद्राकर को बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है, क्योंकि ऐसा करने पर वह भाग सकता है। संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारी फिलहाल उस पर निगरानी रख रहे हैं और भारतीय अधिकारियों के उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं।

शादी में खर्च किए थे 200 करोड़ रुपए

आरोप लगाया गया कि “फरवरी 2023 में, चंद्राकर ने आरएके, यूएई में शादी की और इस विवाह समारोह के लिए, महादेव एपीपी के प्रमोटरों ने लगभग 200 करोड़ रुपये नकद खर्च किए। परिवार के सदस्यों को नागपुर से यूएई तक ले जाने के लिए निजी जेट किराए पर लिए गए थे।

इस शादी में कई मशहूर हस्तियों शामिल हुई थीं। वेडिंग प्लानर, डांसर, डेकोरेटर आदि को मुंबई से काम पर रखा गया था। नकद भुगतान करने के लिए हवाला चैनलों का इस्तेमाल किया गया था। ईडी ने कहा कि डिजिटल सबूतों के अनुसार, “योगेश पोपट की एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी – आर -1 इवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को हवाला के जरिए 112 करोड़ रुपये दिए गए थे और 42 करोड़ रुपये की होटल बुकिंग एईडी में नकद में भुगतान करके की गई थी।”

फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे ब्रांच

दरअसल, महादेव बेटिंग ऐप कई ब्रांच से चलता था। हर ब्रांच को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे।यूजर को सिर्फ शुरुआत में फायदा और बाद में नुकसान होता। फायदे का 80% हिस्सा दोनों अपने पास रखते थे। सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक ऐसी मशीन की तरह काम करता है, जिसमें एल्गोरिदम यह तय करता है कि ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30% ग्राहक ही जीतें।

जूस बेचते-बेचते बन गया सट्टेबाजी किंग

कुछ साल पहले तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सौरभ चंद्राकर ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से जूस की दुकान चलाता था। रोड साइड जूस बेचने वाले की आय तो सीमित होती है, लेकिन सौरभ चंद्राकर को कुछ बड़ा करना था, मोटा पैसा कमाना था। पहले तो उसने अपनी जूस की दुकान से काम शुरू किया। छत्तीसगढ़ के कई शहरों में जूस फैक्ट्री नाम से दुकानें खुलीं। सौरभ चंद्राकर को जूस बेचने के साथ-साथ सट्टा खेलने की भी आदत थी। पहले वह ऑफलाइन सट्टा खेलता था, लेकिन कोरोना की वजह से ऑनलाइन सट्टा खेलने लगा। लॉकडाउन के दौरान उसने सट्टेबाजी ऐप बनाने का फैसला किया और रवि उप्पल नामक शख्स के साथ महादेव बेटिंग ऐप शुरू कर दिया।

ED ने क्या किया दावा

ईडी ने 2 नवंबर को रायपुर में महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े एक कैश कूरियर से 5.39 करोड़ कैश जब्त किया था। ईडी का दावा था कि यह पैसा कांग्रेस के चुनाव अभियान के लिए था और विशेष रूप से EX CM भूपेश बघेल के लिए था। जांच एजेंसी का आरोप था कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल को ऐप प्रमोटर्स से अब तक 500 करोड़ से ज्यादा मिल चुके। हालांकि उन्होंने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। पूर्व सीएम बघेल ने कहा था कि उन्हें बदनाम (Mahadev App Case) करने के लिए ऐसा किया गया।

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