3 May 2024

CG Liquor Scam: Property of Anwar Dhebar and Anil Tuteja attached...ED seized property worth Rs 205 crore
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CG Liquor Scam : अनवर ढेबर और अनिल टूटेजा की संपत्ति अटैच…ED ने जब्‍त की 205 करोड़ की सपंत्ति

रायपुर, 03 मई। CG Liquor Scam : केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाला के दो आरोपियों की संपत्ति जब्‍त की है। केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से जारी बयान के अनुसार मामले के 2 आरोपियों पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा और अनवर ढेबर की संपित्‍त अटैच की गई है। शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड इसमें 18 चल और 161 अचल संपत्ति शामिल है। ईडी ने जिन संपत्तियों को अटैच किया है उसमें जेल रोड स्थिति ढेबर परिवार का आलिशान वेनिंगटन होटल भी शामिल है। बता दें कि टूटेजा और ढेबर दोनों इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ईडी की सूचना के आधार पर ईओडब्‍ल्‍यू में दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस व अन्‍य सरकारी अफसर और लोग सहयोगी की भूमिका में थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्‍सा इन्‍हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस अफसर हैं, जब यह घोटाला हुआ तब वे वाणिज्‍य एवं उद्योग विभाग के संयुक्‍त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्‍तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन के एमडी थे। वहीं, ढेबर कारोबारी हैं। एफआईआर के अनुसार ढेबर और टुटेजा ने मिलकर पूरी प्‍लानिंग की थी। परिवार के सदस्‍यों के नाम पर किया निवेश एफआईआर के अनुसार अनिल टुटेजा, (CG Liquor Scam) अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने शराब घोटाला से प्राप्‍त रकम को अपने परिवार वालों के नाम पर निवेश किया। टुटेजा ने अपने बेटे यश टुटेजा के नाम पर निवेश किया। वहीं, त्रिपाठी ने अपनी पत्‍नी अपनी पत्‍नी मंजूला त्रिपाठी के नाम पर फर्म बनाया जिसका नाम रतनप्रिया मीडिया प्रइवेट लिमिटेड था। वहीं, ढेबर ने अपने बेटे और भतीजों के फर्म में पैसे का निवेश किया। बता दें कि टेलीकॉम सेवा के अफसर रहे त्रिपाठी छत्‍तीसगढ़ में प्रतिनियुक्ति पर आए थे। यहां वे आबकारी विभाग में विशेष सचिव सहित विभिन्‍न पदों पर काम किए। त्रिपाठी के कार्यकाल में ही शराब घोटाला हुआ है। इस मामले की पहले ईडी जांच कर रही थी अब ईओडब्‍ल्‍यू-एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। ब्‍यूरो इस मामले में जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है।

Baikunthpur: Heartbreaking incident...! There was a scuffle with the girl during the rape...! The lover and his friend abscond leaving the girlfriend who got burnt due to 11000 volt current... Know their condition here
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Baikunthpur : दिल दहला देने वाली घटना…! युवती से रेप के दौरान हुई झूमा-झटकी…11000 वोल्ट के करंट से झुलसी प्रेमिका को छोड़कर प्रेमी और उसका दोस्त फरार…यहां जानिए उनका हाल

रायपुर, 03 मई। Baikunthpur : 70 दिन के लंबे उपचार के बाद अंततः बालात्कार पीड़िता युवती अब पूर्णतः स्वस्थ हो चुकी है, उसका हिमोग्लोबिन 10 के ऊपर जा चुका है, जो कि अस्पताल में भर्ती करते समय 2 हो गया था। स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने इस मामले में गंभीर पहल करते हुए व्यक्तिगत रूची ली और उपचार के लिए योजना से रू 22 लाख राशि की स्वीकृति दिलाई। रायपुर के एक निजी अस्पताल में 70 दिन पूर्व बालात्कार पीड़िता युवती को अत्यन्त गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। घटनाक्रम की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने युवती के उपचार के लिए व्यक्तिगत स्तर पर ध्यान दिया और भर्ती होने से अब तक लगातार पूरी जानकारी लेते रहे। निजी अस्पताल के संचालक डाॅ. सुनील कालड़ा ने भी बालात्कार पीड़िता युवती के उपचार में अपनी पूरी ताकत लगा दी, जिसका परिणाम यह है कि अब 3 मई 2024 को युवती अब अस्पताल से छुट्टी लेकर अपने घर रवाना हो जायेगी। प्रेमी अपने दोस्त के मिलकर किया था रेप 20 अक्टूबर 2023 को एक दिल दहला देने वाली घटना ग्राम गनपतपुर के ठिहाईपारा जंगल में हुई। युवती के प्रेमी ने ही उसके साथ धोखा किया और जंगल बुलाकर युवती के साथ बलात्कार किया। इस दौरान हुई झूमा-झटकी में युवती 11 हजार वोल्ट के करंट के तार की चपेट में आ गई और गंभीर रूप से झुलस गई। उसे इसी हालत में छोडकर दोनो आरोपी युवक फरार हो गये। कुछ समय बाद जंगल में कुछ लोगों ने युवती को अचेत अवस्था में देखा और घटना की सूचना पुलिस को दी गई, साथ ही युवती को बैकुंठपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज कर आरोपी निलेश कुमार (कथित प्रेमी) एवं उसका साथी बेचन साय यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जिला अस्पताल से 20 दिनों बाद परीजनों ने करा ली छुट्टी गंभीर हालत में जिला अस्पताल बैकुंठपुर में भर्ती बलात्कार पीड़िता युवती के परिजनों ने खुद ही उसकी छुट्टी करा उसे घर ले गये। घर में उसकी सही देखभाल न हो पाने के कारण वह सेप्टीसिमिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गयी। युवती की हालत दिन ब दिन बिगड़ती चली गई। गंभीर हालत में घर में पड़ी युवती (Baikunthpur) को उपचार के लिये रायपुर के किसी अच्छे अस्पताल में पहुंचाने के लिये आई.ओ.सी.एल. के एक स्थानीय अधिकारी ने पहल की। स्थानीय जिला प्रशासन की सक्रियता के बाद गंभीर हालत में युवती को रायपुर लाया गया। इस दौरान युवती आक्सीजन पर थी। उसके पूरे शरीर में संक्रमण फैल चुका था। उसके बचने की आस समाप्त हो गई थी। 22 फरवरी 2024 को कई घंटों के अथक प्रयासों के बाद भी युवती किसी भी शासकीय अस्पताल में भर्ती नही हो पाई। इसके बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुये रायपुर के निजी बर्न युनिट में भर्ती करा दिया गया था। सबसे बड़ी आर्थिक उपचार सहायता स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने घटनाक्रम की जानकारी होते ही त्वरित कार्यवाही करते हुये मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के माध्यम से 2 किश्त में लगभग रू 22 लाख राशि उपचार के लिये स्वीकृत कराई। राज्य में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना लागू होने के बाद से संभवतः अब तक की किसी मरीज को मिली सबसे बड़ी उपचार आर्थिक सहायता है।

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Cartoon War : राधिका खेड़ा विवाद पर BJP का कार्टून वार…! महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार…यही है कांग्रेसी संस्कार

रायपुर, 03 मई। Cartoon War : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा और संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद के बीच विवाद का वीडियो सामने आने के बाद सियासत तेज हो गई है। आलम ये हैं कि इसका मुद्दा दिल्ली के सियासी गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस जहां इस मामले में बैकफुट पर है, तो वहीं भाजपा इस आग में घी डालने का काम कर रही है। पिछले तीन दिनों से लगातार भाजपा राधिका खेड़ा मामले में सोशल मीडिया पर तंज कस रही है। आज भाजपा ने विवाद को लेकर भी एक कार्टून पोस्ट किया है। सोशल मीडिया X पर बीजेपी ने पोस्ट कर लिखा है कि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार,यही है कांग्रेसी संस्कार। पोस्टर में राधिका खेड़ा के अलावे दो नेताओं का भी कार्टून बनाया गया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस दफ्तर में स्थानीय नेताओं की बदसलूकी मामले में AICC के मीडिया विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखा है। बैज से AICC ने 24 घंटे में जवाब मांगा है। राधिका खेडा के लगाए गए आरोपों को लेकर AICC के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने PCC चीफ दीपक बैज को पत्र लिखा है। उन्होंने बैज से 24 घंटे के अंदर इस पूरे मामले पर जवाब मांगा है। पत्र के जरिए घटना की पूरी जानकारी पीसीसी चीफ से मांगी गई है। हालांकि अब तक पत्र को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि कल ही प्रेस कांफ्रेंस में पवन खेड़ा ने (Cartoon War) जांच की बात कह दी थी।

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Parcel Blast Update : पार्सल ब्लास्ट में 2 मौत पर आया सनसनीखेज अपडेट…! पत्नी के प्रेमी को रास्ते से हटाने बनाया ‘रेडियो बम’…यहां पढ़िए आरोपी का स्वीकारोक्ति

साबरकांठा, 03 मई। Parcel Blast Update : साबरकांठा जिले के वडाली में पार्सल ब्लास्ट मामले का पर्दाफाश हो गया है। 2 लोगों की मौत के बाद पुलिस और एनएसजी की टीम भी मौके पर पहुंची थी। यह बात सामने आई कि पति जयंतीभाई ने अपनी पत्नी के प्रेमी जीतूभाई वंजारा को मारने के लिए टेप रेकॉर्डर जैसी डिवाइस बनाई थी। बम उस वक्त फट गया जब जीतूभाई वंजारा अपने घर पर पार्सल खोलने जा रहे थे। ब्लास्ट में जीतूभाई और उनकी 12 साल की बेटी की मौत हो गई। जबकि दो अन्य लोग घायल हैं। इस मामले में राज्य के गृह विभाग ने तुरंत पूरे मामले की जांच गुजरात एटीएस, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और गांधीनगर फॉरेंसिक लेबोरेटरी की टीम को सौंपी थी। गुरुवार को एनएसजी समेत अन्य एजेंसियों के अधिकारी भी साबरकांठा घटना स्थल पर पहुंचे और जांच शुरू की। रिक्शेवाले के हाथ भेजा था मौत का बम इसके अलावा, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा रिक्शा चालक और पार्सल पहुंचाने वाले स्कूटर चालक को पकड़ने के लिए सीसीटीवी निगरानी और तकनीकी जांच के लिए लगभग 10 पुलिस टीमों को सक्रिय किया गया था। इस घटना में आरोपी पति जयंतीभाई वंजारा (31 वर्ष) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूरे मामले पर जिला पुलिस अधीक्षक विजय पटेल ने कहा कि प्राइमरी एफएसएल रिपोर्ट में सामने आया कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट था। इसके साथ ही जिलेटिन स्टिक का इस्तेमाल किया गया था। गुरुवार को ही चार टीमें गठित कर सीसीटीवी फुटेज में रिक्शा चालकों की जांच की गई। जिसमें एक एक्टिवा चालक व्यक्ति रिक्शा चालक को पार्सल देता नजर आ रहा है। जिसके बाद पता चला कि एक्टिवा का मालिक जयंतीभाई वंजारा था। पुलिस पूछताछ में पता चला कि एक्टिवा मालिक जयंतीभाई की पत्नी और जीतूभाई (मृतक) एक ही गांव के थे और एक-दूसरे को लंबे समय से जानते थे। इसलिए जिलेटिन स्टिक का उपयोग करके एक रेडियो जैसा उपकरण बनाया गया, जिसका उपयोग आमतौर पर विस्फोट के लिए किया जाता है और जीतूभाई को मारने के लिए डेटोनेटर का उपयोग किया। यह उपकरण बाहर से रेडियो जैसा दिखता है और इसमें आरोपी ने एक जिलेटिन स्टिक रखी, उस पर डेटोनेटर लगाया और उसके तार खोल दिए। यह उपकरण बाहर से देखने पर टेप रेकॉर्डर जैसा लगता था, इसलिए जैसे ही इसे ऑन करने के लिए प्लग सॉकेट में डाला गया तो यह फट गया और दो लोगों ने जान गंवा दी।

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LS Polls 2024 : लोकसभा चुनाव में दलबदल का खेल…! किस पार्टी के कितने सांसदों ने बदला पाला…कितने नेताओं को दूसरे दलों से मिला टिकट…? देखिए लंबी फेहरिस्त

नई दिल्ली, 03 मई। LS Polls 2024 : चुनावी मौसम और नेताओं के दलबदल के बिना…ऐसा नहीं हो सकता। संभव: इस बार लोकसभा चुनाव में दलबदलुओं की लंबी फेहरिस्त होगी। भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता, विधायक, पार्षद, कार्यकत्ता सहित कई दलों के मौजूदा सांसदों ने भी दल बदल कर लिया है। आलम यह है कि आम आदमी पार्टी के एकमात्र लोकसभा सांसद जो टिकट मिलने के बाद ऐन वक्त पर पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए। अपनी पार्टी छोड़ने वाले कई सांसदों को दूसरे दलों से टिकट भी मिला है। इसके अलावा कांग्रेस के कई प्रवक्ताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया। बसपा के सांसदों ने बदला पाला 543 सदस्यीय लोकसभा में सबसे ज्यादा 80 सीटें उत्तर प्रदेश से आती हैं। यहां चुनाव से पहले कई सांसदों ने दलबदल किया, जिसमें सबसे अधिक नुकसान बसपा को हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के 10 सांसद जीतकर संसद पहुंचे थे। वर्तमान में बसपा के चार सांसद ही रह गए हैं। आजमगढ़ जिले की लालगंज सीट से सांसद संगीता आजाद, अंबेडकर नगर सीट से सांसद रितेश पांडेय भाजपा में शामिल हो चुके हैं। रितेश पांडेय को भाजपा ने इस बार अंबेडकर नगर सीट से उम्मीदवार भी बना दिया है। अमरोहा सांसद दानिश अली कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस ने दानिश को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते दानिश को पार्टी से निकाल दिया था। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी बसपा का साथ छोड़कर फिर से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इसके बाद उन्हें गाजीपुर संसदीय सीट से सपा ने अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। पार्टी छोड़ने वालों में सबसे ताजा नाम मलूक नागर का है। बिजनौर सांसद मलूक नागर बसपा छोड़कर राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो गए हैं। हालांकि, रालोद पहले ही बिजनौर लोकसभा सीट पर विधायक चंदन चौहान को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। पार्टी छोड़ने वालों में एक नाम राम शिरोमणि वर्मा का है। श्रावस्ती सांसद वर्मा बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए हैं। समाजवादी पार्टी गठबंधन ने राम शिरोमणि वर्मा को श्रावस्ती से प्रत्याशी भी बनाया है। बीआरएस सांसदों ने छोड़ा पार्टी का साथ राज्य में पिछली बार के. चंद्रशेखर राव वाली बीआरएस 17 में से नौ सीटों पर जीती थी। हालांकि, इसके कई सांसद दलबदल कर चुके हैं। जहीराबाद के सांसद बीबी पाटिल, नागरकुर्नूल (एससी) से सांसद पोथुगंती रामुलु और पेद्दापल्ली से बोरलाकुंटा वेंकटेश ने भाजपा में शामिल हो गए। बीबी पाटिल को भाजपा ने जहीराबाद से अपना उम्मीदवार बनाया है। नागरकुर्नूल सीट पर सांसद पोथुगंती रामुलु की जगह उनके बेटे भारत प्रसाद को भाजपा ने अपना चेहरा घोषित किया है। पेद्दापल्ली सांसद वेंकटेश पहले बीआरएस से कांग्रेस में गए थे, लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह भाजपा में शामिल हो गए। वहीं, वारंगल से सांसद पसुनुरी दयाकर और चेवेल्ला से सांसद रंजीत रेड्डी कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने चेवेल्ला सीट पर बीआरएस से आए रंजीत रेड्डी को टिकट दिया है लेकिन वारंगल में दयाकर को मौका नहीं दिया गया। ये सांसद भाजपा में शामिल हुए इस चुनाव में तमाम विपक्षी दलों के कई सांसद भाजपा में शामिल हुए हैं। इसी सूची में एक चर्चित नाम नवनीत राणा का है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में चार निर्दलीय जीतकर संसद पहुंचे थे। इनमें से एक नवनीत राणा भी थीं। 2024 लोकसभा चुनाव में नवनीत भाजपा में शामिल हो गईं। महाराष्ट्र की अमरावती सीट से भाजपा ने नवनीत राणा को अपना उम्मीदवार भी बनाया था। वे वर्तमान में इसी सीट से सांसद हैं। 2019 में जीतीं एक अन्य निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गईं। अभिनेता से नेता बनीं सुमलता कर्नाटक के मांड्या से निर्दलीय सांसद चुनी गई थीं। सुमलता मांड्या सीट से भाजपा का टिकट मांग रही थीं, लेकिन भाजपा ने गठबंधन सहयोगी जेडीएस को दे दिया। पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी मांड्या से एनडीए उम्मीदवार थे। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते और लुधियाना सांसद रवनीत सिंह बिट्टू कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इस सीट पर भाजपा ने बिट्टू को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस से निलंबित सांसद और पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी परणीत कौर भी भाजपा में शामिल हो गई हैं। परणीत पटियाला सीट पर भाजपा की उम्मीदवार हैं। पंजाब की एक अन्य सीट जालंधर से सांसद सुशील कुमार रिंकू आप छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। रिंकू आम आदमी पार्टी से एकलौते सांसद थे। झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गईं। भाजपा ने सिंहभूम लोकसभा सीट से गीता कोड़ा को अपना प्रत्याशी बनाया है। हाल ही में बीजद के अनुभवी सांसद महताब भाजपा में शामिल हुए थे। बीजद छोड़ने वाले महताब अब कटक से भाजपा के प्रत्याशी हैं। दादरा और नगर हवेली (डीएनएच) से सांसद कलाबेन डेलकर शिवसेना (यूबीटी) छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं। डेलकर ने महाराष्ट्र के बाहर पहली शिवसेना (यूबीटी) सांसद थीं। कलाबेन दादरा और नगर हवेली लोकसभा सीट से 2021 में उपचुनाव में जीती थीं। उनके पति मोहनभाई संजीभाई डेलकर के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। भाजपा के इन सांसदों ने पार्टी छोड़ी बिहार के मुजफ्फरपुर से मौजूदा सांसद अजय कुमार निषाद भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। बाद में कांग्रेस ने उन्हें मुजफ्फरपुर से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। हरियाणा में वरिष्ठ नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और भाजपा से हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। बृजेंद्र को उम्मीद थी कि कांग्रेस से उन्हें टिकट मिलेगा लेकिन हाल ही में जारी पार्टी उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम नहीं आया। हिसार से पार्टी ने जय प्रकाश को टिकट दिया है। चूरू लोकसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद राहुल कास्वां का टिकट काट दिया। उनकी जगह पैरा खिलाड़ी देवेंद्र झांझड़िया को अपना चेहरा घोषित किया था। टिकट कटने के बाद कस्वां भाजपा छोड़ कांग्रेस में चले गए। कांग्रेस ने राहुल को चूरू से अपना उम्मीदवार भी घोषित किया था। कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के

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Lok Sabha Elections : कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी क्षण में खोले अपने पत्ते…! पहली बार ‘गैर गांधी परिवार’ को बनाया उम्मीदवार…यहां देखें

नई दिल्ली, 03 मई। Lok Sabha Elections : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नामांकन के अंतिम वक्त अपने पत्ते खोल दिए हैं। पार्टी ने रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार घोषित किया है। दोनों नामों की लिस्ट आ गई है। राहुल गांधी अब तक अमेठी से चुनाव लड़ते हैं। इस बार पार्टी ने उनकी सीट बदल दी है। जबकि केएल शर्मा पहली बार चुनावी मैदान में होंगे। सोनिया गांधी की करीबी शर्मा को सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है। वो अब तक रायबरेली में सांसद प्रतिनिधि के रूप में जिम्मेदारी संभालते आए हैं। सात चरण के आम चुनाव के पांचवें फेज में 20 मई को अमेठी और रायबरेली सीट पर मतदान होगा। ये दोनों सीटें परंपरागत रूप से गांधी-नेहरू परिवार के सदस्यों के पास रही हैं। पहली बार पार्टी ने अमेठी से गैर गांधी परिवार से उम्मीदवार बनाया है। अमेठी और रायबरेली में नामांकन की तैयारी पूरी हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी नामांकन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए रायबरेली जा रहे हैं। खड़गे सुबह 10:30 बजे रायबरेली पहुंचेंगे। स्मृति ईरानी से होगी टक्कर बता दें कि अमेठी से बीजेपी की सांसद स्मृति ईरानी एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। जबकि रायबरेली से बीजेपी ने दूसरी बार दिनेश प्रताप सिंह पर भरोसा जताया है। दिनेश 2019 का चुनाव हार गए थे। 2019 में रायबरेली से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Lok Sabha Elections) ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस से केएल शर्मा होंगे अमेठी से उम्मीदवार 2014 और 2019 में अमेठी सीट पर राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के बीच चुनावी मुकाबला देखा गया। 2014 में राहुल ने जीत हासिल की थी। जबकि 2019 में स्मृति ईरानी ने बड़ा उलटफेर किया था और पहली बार जीत हासिल की थी। इस बार कांग्रेस ने अमेठी में नया दांव खेला है और अपने करीबी किशोरीलाल शर्मा को मैदान में उतारकर चौंका दिया है। पार्टी ने इस बार राहुल गांधी की यूपी में सीट बदल दी है। राहुल को गांधी परिवार की दूसरी परंपरागत सीट रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारा गया है। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के नामांकन प्रक्रिया में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी शामिल हो सकती हैं। रायबरेली सीट इसलिए अहम 2019 के चुनाव में कांग्रेस यूपी की जो एक सीट जीत सकी थी, वो रायबरेली सीट ही थी। इस सीट से सोनिया गांधी संसद पहुंची थीं। सोनिया गांधी इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं। वे राजस्थान से राज्यसभा पहुंच चुकी हैं। दरअसल, सोनिया गांधी ने 2019 में घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी लोकसभा चुनाव होगा। वे 1999 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार अमेठी से चुनाव लड़ी थीं और जीत हासिल की थी। उसके बाद 2004 में वो पहली बार रायबरेली से चुनाव लड़ीं और जीतीं। सोनिया गांधी कुल पांच बार सांसद चुनी (Lok Sabha Elections) गईं।