नई दिल्ली, 03 मई। LS Polls 2024 : चुनावी मौसम और नेताओं के दलबदल के बिना…ऐसा नहीं हो सकता। संभव: इस बार लोकसभा चुनाव में दलबदलुओं की लंबी फेहरिस्त होगी। भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता, विधायक, पार्षद, कार्यकत्ता सहित कई दलों के मौजूदा सांसदों ने भी दल बदल कर लिया है। आलम यह है कि आम आदमी पार्टी के एकमात्र लोकसभा सांसद जो टिकट मिलने के बाद ऐन वक्त पर पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए। अपनी पार्टी छोड़ने वाले कई सांसदों को दूसरे दलों से टिकट भी मिला है। इसके अलावा कांग्रेस के कई प्रवक्ताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया। बसपा के सांसदों ने बदला पाला 543 सदस्यीय लोकसभा में सबसे ज्यादा 80 सीटें उत्तर प्रदेश से आती हैं। यहां चुनाव से पहले कई सांसदों ने दलबदल किया, जिसमें सबसे अधिक नुकसान बसपा को हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के 10 सांसद जीतकर संसद पहुंचे थे। वर्तमान में बसपा के चार सांसद ही रह गए हैं। आजमगढ़ जिले की लालगंज सीट से सांसद संगीता आजाद, अंबेडकर नगर सीट से सांसद रितेश पांडेय भाजपा में शामिल हो चुके हैं। रितेश पांडेय को भाजपा ने इस बार अंबेडकर नगर सीट से उम्मीदवार भी बना दिया है। अमरोहा सांसद दानिश अली कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस ने दानिश को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते दानिश को पार्टी से निकाल दिया था। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी बसपा का साथ छोड़कर फिर से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इसके बाद उन्हें गाजीपुर संसदीय सीट से सपा ने अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। पार्टी छोड़ने वालों में सबसे ताजा नाम मलूक नागर का है। बिजनौर सांसद मलूक नागर बसपा छोड़कर राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो गए हैं। हालांकि, रालोद पहले ही बिजनौर लोकसभा सीट पर विधायक चंदन चौहान को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। पार्टी छोड़ने वालों में एक नाम राम शिरोमणि वर्मा का है। श्रावस्ती सांसद वर्मा बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए हैं। समाजवादी पार्टी गठबंधन ने राम शिरोमणि वर्मा को श्रावस्ती से प्रत्याशी भी बनाया है। बीआरएस सांसदों ने छोड़ा पार्टी का साथ राज्य में पिछली बार के. चंद्रशेखर राव वाली बीआरएस 17 में से नौ सीटों पर जीती थी। हालांकि, इसके कई सांसद दलबदल कर चुके हैं। जहीराबाद के सांसद बीबी पाटिल, नागरकुर्नूल (एससी) से सांसद पोथुगंती रामुलु और पेद्दापल्ली से बोरलाकुंटा वेंकटेश ने भाजपा में शामिल हो गए। बीबी पाटिल को भाजपा ने जहीराबाद से अपना उम्मीदवार बनाया है। नागरकुर्नूल सीट पर सांसद पोथुगंती रामुलु की जगह उनके बेटे भारत प्रसाद को भाजपा ने अपना चेहरा घोषित किया है। पेद्दापल्ली सांसद वेंकटेश पहले बीआरएस से कांग्रेस में गए थे, लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह भाजपा में शामिल हो गए। वहीं, वारंगल से सांसद पसुनुरी दयाकर और चेवेल्ला से सांसद रंजीत रेड्डी कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने चेवेल्ला सीट पर बीआरएस से आए रंजीत रेड्डी को टिकट दिया है लेकिन वारंगल में दयाकर को मौका नहीं दिया गया। ये सांसद भाजपा में शामिल हुए इस चुनाव में तमाम विपक्षी दलों के कई सांसद भाजपा में शामिल हुए हैं। इसी सूची में एक चर्चित नाम नवनीत राणा का है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में चार निर्दलीय जीतकर संसद पहुंचे थे। इनमें से एक नवनीत राणा भी थीं। 2024 लोकसभा चुनाव में नवनीत भाजपा में शामिल हो गईं। महाराष्ट्र की अमरावती सीट से भाजपा ने नवनीत राणा को अपना उम्मीदवार भी बनाया था। वे वर्तमान में इसी सीट से सांसद हैं। 2019 में जीतीं एक अन्य निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गईं। अभिनेता से नेता बनीं सुमलता कर्नाटक के मांड्या से निर्दलीय सांसद चुनी गई थीं। सुमलता मांड्या सीट से भाजपा का टिकट मांग रही थीं, लेकिन भाजपा ने गठबंधन सहयोगी जेडीएस को दे दिया। पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी मांड्या से एनडीए उम्मीदवार थे। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते और लुधियाना सांसद रवनीत सिंह बिट्टू कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इस सीट पर भाजपा ने बिट्टू को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस से निलंबित सांसद और पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी परणीत कौर भी भाजपा में शामिल हो गई हैं। परणीत पटियाला सीट पर भाजपा की उम्मीदवार हैं। पंजाब की एक अन्य सीट जालंधर से सांसद सुशील कुमार रिंकू आप छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। रिंकू आम आदमी पार्टी से एकलौते सांसद थे। झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गईं। भाजपा ने सिंहभूम लोकसभा सीट से गीता कोड़ा को अपना प्रत्याशी बनाया है। हाल ही में बीजद के अनुभवी सांसद महताब भाजपा में शामिल हुए थे। बीजद छोड़ने वाले महताब अब कटक से भाजपा के प्रत्याशी हैं। दादरा और नगर हवेली (डीएनएच) से सांसद कलाबेन डेलकर शिवसेना (यूबीटी) छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं। डेलकर ने महाराष्ट्र के बाहर पहली शिवसेना (यूबीटी) सांसद थीं। कलाबेन दादरा और नगर हवेली लोकसभा सीट से 2021 में उपचुनाव में जीती थीं। उनके पति मोहनभाई संजीभाई डेलकर के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। भाजपा के इन सांसदों ने पार्टी छोड़ी बिहार के मुजफ्फरपुर से मौजूदा सांसद अजय कुमार निषाद भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। बाद में कांग्रेस ने उन्हें मुजफ्फरपुर से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। हरियाणा में वरिष्ठ नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और भाजपा से हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। बृजेंद्र को उम्मीद थी कि कांग्रेस से उन्हें टिकट मिलेगा लेकिन हाल ही में जारी पार्टी उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम नहीं आया। हिसार से पार्टी ने जय प्रकाश को टिकट दिया है। चूरू लोकसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद राहुल कास्वां का टिकट काट दिया। उनकी जगह पैरा खिलाड़ी देवेंद्र झांझड़िया को अपना चेहरा घोषित किया था। टिकट कटने के बाद कस्वां भाजपा छोड़ कांग्रेस में चले गए। कांग्रेस ने राहुल को चूरू से अपना उम्मीदवार भी घोषित किया था। कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के