मणिपुर, 20 जुलाई। Manipur Violence : मणिपुर में हिंसा के बीच हैवानियत की घटना सामने आई है। दरअसल, यहां दो कुकी समूदाय के आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाने और फिर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का वीडियो सामने आया है। इस घटना के बाद इलाके आक्रोश का माहौल है। इस घटना की स्वदेशी जनजातीय नेताओं के मंच (ITLF) द्वारा कड़ी निंदा की गई है। इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।
आईटीएलएफ संगठन के बयान के मुताबिक यह घटना 4 मई को हुई थी। अब वायरल क्लिप में दो महिलाओं को भीड़ के सामने नग्न करके घुमाते हुए देखा गया है। इसके बाद सामूहिक दुष्कर्म के लिए धान के खेत में ले जाया गया। आईटीएलएफ ने कहा कि कुछ पुरुषों को असहाय महिलाओं के साथ दुराचार करता देखा गया। महिला रो रही थी और छोड़ना की गुहार लगा रही थी। लेकिन आरोपियों का दिल नहीं पसीजा।
मामला दर्ज किया जा चुका है
पुलिस अधीक्षक के मेघचंद्र सिंह ने मणिपुर के एक कथित वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि 4 मई 2023 को अज्ञात बदमाशों द्वारा 2 महिलाओं को नग्न करके घुमाए जाने के वीडियो के संबंध में, अज्ञात सशस्त्र बदमाशों के खिलाफ नोंगपोक सेकमाई पीएस (थौबल जिला) में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया था। जांच शुरू हो गई है और राज्य पुलिस दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इन निर्दोष महिलाओं द्वारा झेली गई भयावह यातना के वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करने के बाद से इलाके में तनाव और बढ़ गया है। इस घटना के बाद कुकी समुदाय में और नाराजगी बढ़ गई है।
हिंसक झड़प से 100 लोग मारे गए
पिछले दो महीनों से मणिपुर में विभिन्न समुदायों के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं, जिसमें कम से कम 100 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बुधवार को चेतावनी दी कि संघर्षग्रस्त राज्य में छह लाख से अधिक गोलियां और लगभग 3,000 हथियार अभी भी युद्धरत समुदायों के पास हैं। विशेषज्ञों ने राज्य में प्रतिबंधित आतंकी समूहों के फिर से उभरने की संभावना के बारे में भी चेतावनी दी है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि सरकार संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान (Manipur Violence) की मांग को लेकर हंगामा करना सही नहीं है।