राजस्थान, 12 दिसंबर। MP Politics : मध्यप्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी की गुगली ने सभी को क्लीन बोल्ड कर दिया। जिस नाम की चर्चा तक नहीं हुई थी, उन्हीं को मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया। 13 दिसंबर को दक्षिण उज्जैन के विधायक मोहन यादव सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं। अब छत्तीसगढ़ में नए चेहरे पर दांव, एमपी में नए चेहरे को मौका, राजस्थान में भी?
वसुंधरा की चिंता जायज कैसे?
राजस्थान में विधायक दल की बैठक आज यानी कि मंगलवार को होने जा रही है। पूरी संभावना है कि मुख्यमंत्री का ऐलान भी कर दिया जाएगा। बड़ी बात ये है कि बीजेपी हाईकमान ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से जो सियासी संदेश देने का काम किया है, उसने दो बार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चिंता बढ़ा दी है। अगर छत्तीसगढ़ में 15 साल शासन करने वाले रमन सिंह को आउट किया जा सकता है, अगर एमपी में लाडली बहनों के मामा माने जाने वाले शिवराज सिंह चौहान का पत्ता कट सकता है, तो पूरी संभावना है कि राजस्थान में भी बड़ा खेल हो जाए।
इस समय तो जानकार अब ये सोचने में लगे हैं कि कहीं राजस्थान में भी एमपी की तरह कोई ऐसा मुख्यमंत्री सामने ना आ जाए जिसकी मीडिया में चर्चा तक नहीं हो रही हो। यानी कि 115 विधायकों में से किसी का भी नंबर आ सकता है। वसुंधरा राजे की बात करें तो वे सीएम रेस में बनी हुई जरूर हैं, लेकिन इस बार जानकार उनकी संभावना कुछ कम मान रहे हैं।
बीजेपी ने दिया था राजे को प्रस्ताव
सूत्रों के हवाले से खबर तो ऐसी भी आई थी कि हाईकमान ने वसुंधरा राजे से बात की थी, उन्हें स्पीकर का पद देने का प्रस्ताव भी दिया था। लेकिन तब राजे ने साफ कहा कि उन्हें चाहे तो एक साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाए, बाद में वे पद छोड़ देंगी। अभी के लिए हाईकमान का इस पर क्या फैसला रहा, ये स्पष्ट नहीं। लेकिन छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की स्थिति देखकर माना जा रहा है कि यहां पर भी नई पीढ़ी की लीडरशिप खड़ी करने पर जोर दिया जाएगा।
मोदी को चाहिए ‘कौन’?
अभी के लिए राजस्थान में महंत बालकनाथ, दीया कुमारी, अश्विनी वैष्णव, गजेंद्र शेखावत जैसे नाम चर्चा में चल रहे हैं। इन सभी को सीएम बनने का प्रबल दावेदार भी बताया जा रहा है। लेकिन संभावना इस बात की भी है कि बीजेपी बड़ा खेल करते हुए किसी दूसरे को ही ये बड़ा पद दे दे। वैसे फैसला बीजेपी का जो भी रहे, जातीय समीकरण को जरूर ध्यान में रखा जाएगा। जिस तरह से छत्तीसगढ़ को आदिवासी, एमपी को ओबीसी, उसी तर्ज पर राजस्थान में भी कोई एक्सपेरिमेंट होगा।
राजस्थान के चुनावी नतीजे
राजस्थान के इस बार के चुनावी नतीजों की बात करें तो बीजेपी (MP Politics) ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए 115 सीटें अपने नाम की थीं, वहीं पिछली सत्ता में आने वाली कांग्रेस महज 69 सीटों पर सिमट गई। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में पार्टी को सभी जातियों का अच्छा खासा वोट मिला है, इसी वजह से सीएम चुनना भी चुनौती साबित हो रहा है।