बीजापुर, 25 अप्रैल। Operation Jungle Vajra : भारत ने नक्सलवाद के गढ़ माने जाने वाले तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर एक निर्णायक अभियान शुरू किया है। इस ऑपरेशन का मकसद है, देश के 300 मोस्ट वांटेड नक्सली नेताओं को घेरना और खत्म करना। यह ऑपरेशन देश की सुरक्षा एजेंसियों की ताकत, सूझबूझ और समर्पण का प्रतीक है। नक्सलियों के खिलाफ यह निर्णायक लड़ाई है, जहां हार आतंक की होगी और जीत भारत की।
क्या हुआ?
तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर भारत ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया है। अब तक की कार्रवाई में 5 नक्सली ढेर किए गए हैं, जिनमें से 3 महिला नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। ये सभी कुख्यात PLGA बटालियन नंबर 1 से थीं, जो नक्सल आंदोलन की सबसे मजबूत लड़ाकू इकाई मानी जाती है।
मौके से मिला
भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और गोला-बारूद
आधुनिक कम्युनिकेशन डिवाइसेज़
नक्सली साहित्य और रणनीतिक नक्शे
ऑपरेशन में शामिल देश की सर्वश्रेष्ठ फोर्स
सुरक्षा बल | भूमिका |
---|---|
DRG (बस्तर) | फ्रंटलाइन हमला |
STF | टैक्टिकल सपोर्ट |
कोबरा कमांडो | जंगल युद्ध विशेषज्ञ |
CRPF | बैकअप और सुरक्षा घेरा |
बस्तर फाइटर्स | लोकल इंटेलिजेंस |
C-60 (महाराष्ट्र) | हिट एंड रन एक्सपर्ट्स |
ग्रेहाउंड्स (आंध्र) | ट्रैकिंग और घेराबंदी |
वायु सेना | निगरानी और एयरलिफ्ट |
टारगेट है
देश के 300 मोस्ट वांटेड नक्सली नेता, जिनमें टॉप कमांडर, विचारक और प्रशिक्षक शामिल हैं – सभी इस ऑपरेशन के टारगेट पर हैं। सूत्रों के मुताबिक यह ऑपरेशन “खत्म करने तक नहीं रुकेगा”, और अगले 7-10 दिनों तक लगातार कार्रवाई चलने की संभावना है।
जवानों की बहादुरी की मिसाल
इस ऑपरेशन में हिस्सा ले रहे जवान 45 डिग्री तापमान में, खतरनाक जंगलों और बारूदी सुरंगों से भरे इलाकों में जान की बाज़ी लगाकर देश को सुरक्षित कर रहे हैं। यह सिर्फ ऑपरेशन नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ राष्ट्र की गर्जना है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
IG बस्तर रेंज, सुंदरराज पी.:
“यह ऑपरेशन सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, एक संदेश है – नक्सल हिंसा को जड़ से खत्म करने का संकल्प।”