रायपुर, 13 अगस्त। Paramedical lnstitutions : पैरा मेडिकल शिक्षा घोटाला पैरामेडिकल कोर्स के नाम पर लूट छत्तीसगढ़ में अवैध पैरामेडिकल संस्थाओं की बाढ़ छत्तीसगढ़ को बनाया अपना चारागाह छत्तीसगढ़ियों की मेहनत की कमाई को लूट का जरिया बना पैरामेडिकल कोर्स एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष चन्दन गुप्ता का कहना है कि विशेष शूत्रों से जानकारी हुई है कि हमारे प्रदेश में कुछ लोगों के द्वारा शिक्षा को व्यवसाय बना कर छात्रो के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से बिना शासन को सूचना दिए और बिना अनुमति लिए पैरामेडिकल संस्थानों का संचालन किया जा रहा है चन्दन गुप्ता का कहना है कि कुछ कोचिंग संस्था व कुछ महाविद्यालय इसका संचालन कर रहे है उनके पास कोई अनुमति नहीं हैं, उनके द्वारा अन्य राज्यों का प्रमाण पत्र दिया जाता है हमारे राज्य में पढ़ाई करायी जाती है एवं छात्र-छात्राओं को परीक्षा के लिए दूसरे राज्य ले जाकर परीक्षा दिलवायी जाती है।
अन्य राज्यों के कोर्स का संचालन बिना शासन कि अनुमति से किया जा रहा है जबकि नियम यह है कि कोई भी महाविद्यालय अन्य राज्यो के पाठ्यक्रम का संचालन अगर उस राज्य में करता है तो उसे उस राज्य के राज्य शासन कि संम्बधित विभाग से अनुमति प्राप्त करना होता है जो इनके द्वारा नहीं लिया गया है। चंदन गुप्ता ने आरोप लगाया कि शिक्षा माफिया गरीब बच्चों के पैसे लूट रहे हैं गरीब बच्चे इन शिक्षा माफिया से सामना नहीं कर सकते हैं वह गरीब बच्चों को उलझा कर रखते हैं इससे उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद हो जाता है इन शिक्षा माफियाओं का बड़े-बड़े नेताओं व अधिकारियों से संबंध रहता है जिस कारण गरीब बच्चों के पक्ष में सुनवाई की भी उम्मीद कम रहती है गरीब बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए चक्कर काटते रहते हैं।
प्रदेश में लैब अटेंडेंट, ओटी तकनीशियन, ड्रेसर, एक्सरे तकनीशियन आदि पैरामेडिकल कोर्स के नाम पर ऐसे संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनके पास छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल से मान्यता है ही नहीं। ये कालेज मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के विश्वविद्यालय की मान्यता का दावा कर रहे हैं। यहां विज्ञापन और अन्य माध्यमों से छात्रों को भ्रमित कर उनसे सालाना 60 से एक लाख रुपये तक मोटी फीस लेकर प्रवेश देते हैं, लेकिन यहां न शिक्षा का ठिकाना है और न ही परीक्षा और डिग्री का छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल से मान्यता प्राप्त पैरामेडिकल सिर्फ 11 संस्था है शासकीय पैरामेडिकल संस्थानों में पैरामेडिकल की फीस लगभग 3000 से ₹5000 महज है छत्तीसगढ़ में फर्जीवाड़ा की दर इतनी तेजी से बढ़ रही है कि डर है हमें कही इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ से “फर्जीगढ़” न कर दें।