Phoolon Ki Kheti: Farmers of this district are enriching the lives of others as well as themselves by cultivating flowers.Phoolon Ki Kheti
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Rajnandgaon News : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पारंपरिक खेती (Phoolon Ki Kheti) से हटकर युवा अब नई तकनीकी से खेती कर रहे हैं। किसानों का रुझान उद्यानिकी फसलों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उद्यानिकी फसल लेकर किसान मालामाल हो रहे हैं। जिले के किसान पपीता, गेंदा फूल, केला की खेती कर रहे हैं। हर वर्ष आठ से 10 लाख रुपये कमा रहे हैं। यहीं नहीं दूसरों को रोजगार देकर उनकी जिंदगी में भी महक बिखेर रहे हैं।

फूलों की खेती (Phoolon Ki Kheti) से किसानों की जिंदगी में महक रही है। किसान गुलाब, जरबेरा, रजनीगंधा की खेती कर उन्नति और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। देवादा के किसान रौनक देशलहरा, साक्षी देवांगन, रजत, प्रभा देशलहरा ने अलग-अलग फूलों की वैरायटी लगाई है। फूलों की खेती से लगभग सात से आठ लाख रुपये की आमदनी हो रही है। फ्लावर डेकोरेशन के लिए इन फूलों की मार्केट में बहुत डिमांड है। यहां के फूल स्थानीय स्तर पर भेजने के साथ ही हैदराबाद, अमरावती, नागपुर, भुनेश्वर शहर भेज रहे हैं। उद्यानिकी विभाग से किसानों को मदद एवं तकनीकी मार्गदर्शन निरंतर मिल रहा है।

दोगुना मुनाफे से उत्साह (Phoolon Ki Kheti)
सहायक संचालक उद्यानिकी राजेश शर्मा ने बताया कि शासन की शेडनेट योजना के बहुत फायदे हैं। जिले के लगभग 25 किसान अब तक इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं। खेती किसानी के लिए शेड नेट पद्धति बहुत कारगर है। इससे फसल कीड़े व बीमारी से सुरक्षित रहती है।

लंबे समय तक फसल के लगे रहने से किसानों को दोगुना मुनाफा हो रहा है। ऐसी फसल जो गर्मी के मौसम में नहीं ले सकते उसके लिए यह पद्धति उपयोगी है। रबी एवं जायद की फसल के लिए बहुत अच्छी है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत संरक्षित खेती के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत 710 प्रति वर्ग मीटर पर 355 वर्ग मीटर में अनुदान का प्रविधान है। किसान अधिकतम 4000 वर्गमीटर में शेडनेट लगा सकते हैं।

किसानों की बदल रही तकदीर
जिले के किसान फल, फूल, सब्जी और मसाला की खेती कर रहे हैं। उद्यानिकी विभाग द्वारा दो वर्ष में 50 हजार वर्ग मीटर में पाली हाउस का निर्माण किया गया है। 16 हजार वर्ग मीटर में शिमला मिर्च, आर्किट और जरबेरा की खेती की जा रही है। यहीं नहीं किसान फसलों को महाराष्ट्र, एमपी, यूपी सहित अन्य राज्यों में बिक्री के लिए भेज रहे हैं। उद्यानिकी फसलों से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। फूलों की माला एवं डेकोरेशन के लिए गेंदे व डेजी के फूलों की मार्केट में बहुत डिमांड है। यहां के फूल नागपुर भेज रहे हैं।

शिमला मिर्च से जबरदस्त मुनाफा
किसान प्रोटेक्टिव फार्मिंग के अंतर्गत शिमला मिर्च की खेती कर जबरदस्त मुनाफा कमा रहे हैं। किसानों ने बताया कि एक एकड़ में 12 हजार पौधों का रोपण होता है। एक पौधे से तीन किलो शिमला मिर्च का उत्पादन होता है। बाजार में प्रति किलो शिमला मिर्च की कीमत 300 रुपये है। इसे 200 किग्रा की दर से बेचने पर भी लाखों का मुनाफा होता है। यह नौ माह की खेती है।