रायपुर, 31 दिसम्बर| Post Office Scheme : यदि आप बिना किसी जोखिम के अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस की योजनाएं आपके लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकती हैं, जो कम समय में बेहतर रिटर्न प्रदान कर सकती हैं। पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स, जैसे कि ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट (Post Office RD), बहुत लोकप्रिय हैं।
इस योजना के तहत, आप हर महीने केवल 5000 रुपये का निवेश करके 8 लाख रुपये की बड़ी राशि जमा कर सकते हैं। इस योजना की एक विशेषता यह है कि इसमें लोगों को आसानी से लोन भी मिल सकता है।
साल 2023 में सरकार ने पोस्ट ऑफिस की रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम पर ब्याज दर बढ़ाकर निवेशकों को एक अच्छा तोहफा दिया। ये नई दरें अक्टूबर-दिसंबर 2023 की तिमाही में लागू (Post Office Scheme)हैं। इस स्कीम में निवेश पर 6.7 प्रतिशत का ब्याज मिलता है, जो हर तिमाही के आधार पर संशोधित होता है, लेकिन लाभ सालाना आधार पर दिया जाता है।
कैसे जुटाएं 8 लाख रुपये सिर्फ आरडी से
पोस्ट ऑफिस की रेकरिंग डिपॉजिट में निवेश और ब्याज की गणना करना बहुत आसान है। अगर आप महज 5000 रुपये प्रति माह की बचत करके इस स्कीम के तहत 8 लाख रुपये का फंड जुटाना चाहते हैं, तो आपको हर महीने 5,000 रुपये का निवेश करना (Post Office Scheme)होगा।
इस तरह, पांच साल के मैच्योरिटी पीरियड में आप कुल 3 लाख रुपये जमा करेंगे, और 6.7 प्रतिशत की दर से आपको 56,830 रुपये का ब्याज मिलेगा। इस प्रकार, पांच साल में आपका कुल फंड 3,56,830 रुपये होगा।
अब आपको इस आरडी को पांच और साल के लिए बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। यदि आप इसे अगले पांच साल के लिए एक्सटेंड करते हैं, तो 10 साल में आपकी जमा की गई राशि 6,00,000 रुपये होगी। इसके साथ ही, 6.7 प्रतिशत की दर से इस जमा पर ब्याज की राशि 2,54,272 रुपये होगी। इस प्रकार, 10 साल के अंत में आपका कुल फंड 8,54,272 रुपये होगा।
लोन की सुविधा भी उपलब्ध है
आप पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम में खाता खोलने के लिए किसी भी नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जा सकते हैं। इसमें निवेश की शुरुआत 100 रुपये से की जा सकती है। पोस्ट ऑफिस RD का मैच्योरिटी पीरियड पांच साल है, लेकिन यदि आप इस अवधि के समाप्त होने से पहले खाता बंद करना चाहते हैं, तो यह सुविधा भी उपलब्ध है।
इसके अलावा, इसमें लोन की सुविधा भी दी जाती है। एक साल तक खाता चालू रहने के बाद, आप जमा राशि का 50 प्रतिशत तक लोन ले सकते हैं। हालांकि, लोन पर ब्याज दर सामान्य ब्याज दर से 2 प्रतिशत अधिक होती है।