Rajim Assembly: Who is the strong contender in Rajim Assembly…?Rajim Assembly
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गरियाबंद/जीवन एस साहू, 10 अगस्त। Rajim Assembly : विधानसभा चुनाव की तैयारियां धीरे-धीरे प्रारंभ हो रही है, राजनीतिक दल अब जनता की ओर रूख करने लगे है, धीरे-धीरे हर पार्टी के लोग दावेदार बनने के लिए छोटे-छोटे कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दे रहे है प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा पार्टी है। कांग्रेस की सरकार हीराजिम विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान विधायक अमितेश शुक्ल है एवं कांग्रेस के अनेक दावेदार के नातेदारी सामने आ रहे है जिसमें प्रमुख रूप से पूर्व जिला पंचायत सदस्य और वर्तमान फिंगेश्वर जनपद पंचायत की अध्यक्ष पुष्पा साहू, इन दिनों सुखियों मे है। क्योंकि लगातार समाचार पत्र, फेसबुक, वाट्सआप पर अपनी सुर्खिया दिखाई जार ही है। सर्वे में पुष्पा साहू के संबंध में साहू दावेदार के कारण प्रमुख नाम सामने आ रहे है। राजिम विधानसभा क्षेत्र साहू बाहुल्य क्षेत्र है।

गरियाबंद जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यख भावसिंह साहू की भी दावेदारी सामने आ रही है। भावसिंह साहू ने हालाकि चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है लेकिन साहू दावेदार के रूप में और संगठन से सतत् संपर्क से उनके दावेदारी से इंकार नही किया जा सकता। इन दिनों प्रभारी मंत्री और मुख्यमंत्री के साथ और अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व बस्तर सांसद दीपक बैज के इर्द-गिर्द लगातार साफ पाया जा रहा है उनकी दावेदारी का अंदाजा है।

कांग्रेस के एक घड़े के रूप में जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू एवं शैलेन्द्र साहू का नाम भी चर्चा पर है इन दोनों ने अपने दावेदारी भी घोषित कर दी है और संगठन में सक्रिय हो गये है मुख्यमंत्री के सभी कार्यक्रमों में इनकी उपस्थिति और गांव-गांव में छोटे-छोटे कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर साथ ही आमजनों से काम कराने के लिए जनता से आवेदन लेकर कार्यलयों में सक्रिय देखे जा रहे है और गांव-गांव का दौरा प्रारंभ कर दिया है, अबतक सत्ता पक्ष से दोवदारी सामने आ गई है, लेकिन लगभग सभी दावेदारों ने पार्टी से टिकट मिलने पर ही चुनाव लड़ने की बात कही है, किसी के बगावती तेवर नजर नही आये है, विधायक अमितेश शुक्ल के मंत्री नही बनने से उनकी सक्रियता कम रही वे दौरा जरूर करते रहे लेकिन शहरी क्षेत्र मे ही ग्रामीण क्षेत्रों की याद उन्हें अब आ रही है शुक्ल परिवार इस क्षेत्र में सदा ही सक्रिय रहे है, यह अतिशोक्ति नहीं होगी की राजिम विधानसभा शुक्ल परिवार का गढ़ है। स्व.पंडित विद्याचरण शुक्ल, स्व.पंडित श्यामचरण शुक्ल के गांव-गांव में कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज अभी भी है, लेकिन पुछ परख नही होने से वे उदासीन और निष्क्रिय है, पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का स्थान अब नये लोगो ने ले लिया है लेकिन नये लोग अनुभवहीन है, नई पीढ़ी की निष्ठा को समय ही बताएगा ? कांग्रेस का एक बड़ा तपका राजिम विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी बदलने के पक्ष है लेकिन विधायक अमितेश शुक्ल की रिकार्ड मतो से जीत, उनकी प्रबल दोवदारी के लिए पर्याप्त होगी।

गरियाबंद जिला मुख्यालय में है कांग्रेस की स्थिति कमजोर

गरियाबंद जिला मुख्यालय में कांग्रेस की स्थिति बेहद कमजोर है जबकि सारे राजनीतिक संदेश यही से जाते है इसका प्रमुख कारण विधायक अपने कार्यकर्ताओं को 5वर्ष तक संभालकर नही रखे, और नये लोगों को अत्यधिक महत्व और पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से गरियाबंद में कांग्रेस को आंतरिक रूप से कमजोर कर दिया है, महिला संगठन की लगभग निष्क्रिय है, कांग्रेस नेत्री स्व.ममता राठौर के निधन के बाद महिला संगठन लगातार मृतप्रायः हो चुका है, जो लोग एक वार्ड को नही संभाल सकते वैसे लोगों को जिला संभालने की जिम्मेदारी देने से संगठन को खमियाजा भुगतना पड़ेगा।

भाजपा में राजिम विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रमुख दावेदार के रूप में चंदूलाल साहू का नाम प्रमुखता से आ रहा है वे महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के दो बार सांसद के साथ-साथ राजिम के विधायक भी रहे है, हालाकि उन्हें सरकार में रहते हुए कोई पद नही मिला, फिर भी साहू समाज का व्यापक समर्थन प्राप्त है, पेश से अधिवक्ता रहे उसके पूर्व शासकीय सेवा में भी रहे, लंबे समय से राजनीति में सक्रीय है, सांसद में भी अपने बातों को जिम्मेदारी पूर्वक रखी जिनकी तारीफ स्वयं सोनिया गांधी ने भी की थी हालाकि चन्दूलाल साहू ने स्पष्ट किया है कि जो भी पार्टी जिम्मेदारी देगी मैं उसे स्वीकार करूंगा पार्टी से बगावत नही करूंगा, श्री साहू सरल स्वभाव के होने के कारण काफी लोकप्रिय है, चन्दुलाल साहू ने पहले चुनाव में ही अमितेश शुक्ल को पराजित किया था, क्योंकि उस समय कांग्रेस पार्टी ने चन्दुलाल साहू को हल्के में ले लिया था, जिसका खमियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा।

भाजपा के प्रबल दावेदार के रूप में प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ.श्वेता शर्मा का नाम प्रमुखता से आ रहा है, राजिम विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जामगांव के निवासी है, डॉ. शर्मा जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए राजिम विधानसभा क्षेत्र में काफी विकास कार्य कराये और काफी लोकप्रिय है, उनके पिता स्व.वीरेन्द्र दीपक पत्रकारिता के क्षेत्र में रहे है और उनकी भी क्षेत्र मे अलग छबि थी भाजपा का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐड़ी-चोटी एक कर रहे है और पार्टी संगठन में भी डॉ.श्वेता शर्मा के पक्ष में प्रबल दावेदारी पेश होगी इसकी भी संभावना है, डॉ. श्वेता शर्मा पार्टी के सभी कार्यक्रमों में हर समय अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रहती है, और पार्टी कार्यकर्ताओं से सत्त संपर्क में है, इस क्षेत्र के लिए नई नहीं है।

राजनीतिक केन्द्र बिन्दु जिला मुख्यालय गरियाबंद राजनीति में कब अपनी भूमिका निभायेगा इसको लेकर राजनीतिक हल्कों में जमकर चर्चा है, जिला मुख्यालय में भाजपा-कांग्रेस के अनेक नेता सक्रिय है जिसमें युवा कार्यकर्ताओं की फौज अधिक है, वहीं भाजपा से पहली बार युवाओं के बीच से आशीष शर्मा ने अपनी मजबुत दावेदारी पेश करने के अभियान में सक्रिय हो गया है, गौरतलब है कि शुक्ल बंधुओं के गढ़ राजिम विधानसभा क्षेत्र और गरियाबंद जिला मुख्यालय चुनौती के रूप में सामने आ रहा है।

पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय ने चुनाव लडने की संभावनाओं से इंकार किया है और वे चुनाव दृष्टिकोण से सक्रिय नही है किसान नेता के रूप में और वर्तमान भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा, प्रखरवाक्ता है उन्होने भी अपनी दावेदारी संगठन के माध्यम से पेश की है लेकिन संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में उनका प्रभाव नही है एक सीमित दायरा कार्यक्षेत्र है लेकिन उन्होंने भी अपनी दावेदारी कर दी है , श्री शर्मा राजिम विधानसभा क्षेत्र के ग्राम तर्रा निवासी है।

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