कोलकाता, 15 सितंबर। RG Kar College : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले में सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया है।केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और कोलकाता पुलिस के एसएचओ अभिजीत मंडल को अरेस्ट कर लिया है।
पहले वित्तीय और अब सबूत नष्ट करने में अरेस्ट
इससे पहले डॉ. संदीप घोष को वित्तीय धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अब सीबीआई ने कोलकाता रेप और मर्डर मामले में FIR दर्ज करने में देरी और सबूत गायब करने के आरोप में डॉ. संदीप घोष को अरेस्ट किया है। घोष के साथ ही सीबीआई ने SHO अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया है।अभिजीत मंडल ताला पुलिस स्टेशन में स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) के पद पर तैनात हैं।
सूत्रों के अनुसार संदीप घोष और अभिजीत मंडल को सबूत नष्ट करने और जांच को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि संदीप घोष को पहले केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरजी कर कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित एक अलग मामले में गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को पिछले महीने आरजी कर अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर की जांच पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था। रिपोर्ट 17 सितंबर को कोर्ट के समक्ष पेश किए जाने की उम्मीद है।
यह है मामला
31 वर्षीय महिला डॉक्टर का शव 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि हत्या से पहले पीड़िता के साथ क्रूरतापूर्वक रेप किया गया था। इस घटना के एक दिन बाद कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था।
घटना के बाद डॉक्टर्स में फूटा गुस्सा
इस घटना के बाद से हजारों डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ का पीड़िता के लिए न्याय और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है। इसी क्रम में शनिवार को दिन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने घर के बाहर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से मुलाकात की और गतिरोध को हल करने के लिए उनसे बातचीत में भाग लेने को कहा।
ममता ने की प्रदर्शनकारियों से बात
ममता बनर्जी ने साल्ट लेक स्थित राज्य के स्वास्थ्य मुख्यालय स्वास्थ्य भवन में विरोध स्थल का भी दौरा किया। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को संबोधित करते हुए उन्होंने उनसे तुरंत अपनी ड्यूटी पर लौटने का आग्रह किया और स्वास्थ्य सेवाओं में सामान्य स्थिति बहाल करने की आवश्यकता पर बल दिया।