Sudarshan-400: Shri Krishna's most divine weapon Sudarshan Chakra...! From mythological times to the modern battlefield... surprising similarities between the two... read hereSudarshan-400
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नई दिल्ली, 09 मई। Sudarshan-400 : जब भी अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों की बात होती है, तो रूस निर्मित S-400 ट्रायंफ मिसाइल सिस्टम का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इसे भारत में ‘सुदर्शन’ की उपमा क्यों दी जाती है?

आइए चलते हैं पौराणिक काल से लेकर आधुनिक युद्धभूमि तक, एक रोमांचक यात्रा पर-

सुदर्शन चक्र देवताओं का दिव्य विनाशक

सुदर्शन चक्र महाभारत और पुराणों में भगवान श्रीकृष्ण का सबसे शक्तिशाली और दिव्य अस्त्र माना गया है। यह चक्र तेज़ गति से शत्रु का पीछा करता था, उसे नष्ट करता और स्वचालित रूप से लौट आता था। इसकी गति, सटीकता और विध्वंसक क्षमता इतनी अद्भुत थी कि कोई भी योद्धा इसके सामने टिक नहीं पाता।

S-400: आधुनिक सुदर्शन

आज का S-400 मिसाइल सिस्टम उसी सुदर्शन चक्र की याद दिलाता है – लेकिन आधुनिक रूप में। यह वायु रक्षा प्रणाली 400 किलोमीटर तक की दूरी पर दुश्मन के लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, और ड्रोन को सटीकता से नष्ट कर सकती है। इसके मल्टी-ट्रैकिंग रडार और हाई-स्पीड इंटरसेप्टर मिसाइलें हवा में “अदृश्य शत्रु” को भी ढूंढ निकालती हैं।

समानताएं जो चौंकाती हैं

सुदर्शन चक्रS-400 सिस्टम
बिना चूके लक्ष्य भेदने की क्षमतामल्टी-टार्गेट सटीकता और हाई किल प्रॉबेबिलिटी
स्वचालित वापसी और नियंत्रणस्वचालित ट्रैकिंग और कमांड कंट्रोल सिस्टम
महाशक्तिशाली और तेज़सुपरसोनिक इंटरसेप्टर और रडार सिस्टम
केवल योग्य को प्राप्त होता थासीमित देशों को ही रूस देता है यह प्रणाली

भारत के लिए क्यों है यह ‘सुदर्शन’?

भारत ने 5 S-400 यूनिट्स का ऑर्डर रूस को दिया है, जिनमें से कुछ सिस्टम मिल भी चुके हैं। पाकिस्तान और चीन की ओर से बढ़ते खतरे के बीच S-400 भारत के लिए एक ऐसी ‘अदृश्य ढाल’ बन गया है जो श्रीकृष्ण के सुदर्शन की तरह किसी भी आक्रमण को पहले ही हवा में नष्ट कर सकता है।

संदेश साफ है

जिस प्रकार श्रीकृष्ण का सुदर्शन चक्र धर्म की रक्षा का प्रतीक था, उसी प्रकार आज का S-400 भारत की संप्रभुता और सीमाओं की सुरक्षा का आधुनिक प्रतीक है।

7-8 मई की रात : भारत पर अघोषित हमला

बता दें कि, 7 और 8 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान की ओर से भारत के 15 से ज़्यादा शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल और ड्रोन हमले की कोशिश की गई। इनमें अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़ और गुजरात का भुज इलाका शामिल था, लेकिन यह हमला सिर्फ़ कोशिश बनकर रह गया।

S-400: भारत की अदृश्य सुरक्षा कवच

भारत के आधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की इस बड़ी कार्रवाई को पूरी तरह नाकाम कर दिया। रडारों ने हमले से पहले ही मिसाइलों और ड्रोन को ट्रैक कर लिया और हवा में ही उन्हें मार गिराया। किसी भी भारतीय सैन्य ठिकाने या नागरिक क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं हुआ।

यह पहली बार है जब भारत ने वास्तविक संघर्ष की स्थिति में S-400 की ताकत को इस पैमाने पर इस्तेमाल किया है और परिणाम स्पष्ट हैं, भारत अजेय खड़ा है।