नई दिल्ली, 02 दिसंबर। Train Coupling : हाल ही में सोशल मीडिया पर रेलवे कर्मचारी के साथ हुई वीभत्स दर्दनाक हादसे की तस्वीर वायरल हुई थी। इस वायरल तस्वीर में, एक रेलवे कर्मचारी शंटिंग ऑपरेशन के दौरान ट्रेन के इंजन और कोच के बफर के बीच कुचल गया था। इस दुखद घटना के बाद रेलवे यूनियन ने स्पष्ट किया है कि यह हादसा ट्रेन के कपलिंग/अनकपलिंग के कारण नहीं हुआ था, बल्कि यह कर्मचारियों के बीच गलत कम्यूनिकेशन की वजह से हुआ था।
कम्यूनिकेशन की कमी से घटना
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को संसद में इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना पूर्व मध्य रेलवे में कर्मचारियों के बीच संचार की गड़बड़ी के कारण घटी, और यह कपलिंग/अनकपलिंग से जुड़ी हुई नहीं थी। इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर रेलवे कर्मियों की सुरक्षा को लेकर बहस छिड़ गई थी। इसके साथ ही कई लोगों ने ऑटोमैटिक कपलिंग सिस्टम के उपयोग की मांग की थी, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
रेल मंत्री ने दिया ये जवाब
शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन ने इस सवाल को उठाया कि क्या सरकार के पास 2019 के बाद मैन्युअल कपलिंग से संबंधित दुर्घटनाओं और मौतों का डेटा है। इस पर रेल मंत्री ने कहा, “1960 के दशक में डिज़ाइन किए गए ICF कोच में स्क्रू कपलिंग और साइड बफर होते थे, जिनमें कोचों को मैन्युअल रूप से जोड़ा जाता था। इसके बाद 1999-2000 में LHB कोच पेश किए गए, जिनमें सेंटर बफर कपलर्स होते हैं, और इनकी कपलिंग बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के होती है।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे ने ICF कोचों को LHB कोचों से बदलने का काम स्टेप बाय स्टेप शुरू कर दिया है। 2004-14 के बीच 2,337 एलएचबी कोच बनाए गए थे, जबकि 2014-24 के बीच 36,933 कोच बनाए गए हैं, जो पिछले दशक से लगभग 16 गुना अधिक है। इसके अलावा, वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों के लिए उन्नत सेमीऑटोमेटिक कपलर्स भी विकसित किए गए हैं, जो स्वचालित कपलिंग की सुविधा देते हैं।
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि कर्मचारियों को शंटिंग और कपलिंग/अनकपलिंग जैसी एक्टिविटी के दौरान किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए नियमित प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके साथ ही सुरक्षा प्रोटोकॉल और स्पष्ट हैंड सिग्नलिंग प्रोसेस लागू की जाती हैं, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
बरौनी जंक्शन पर हुई थी रेल दुर्घटना
यह घटना पिछले महीने बरौनी जंक्शन स्टेशन पर हुई थी, जब रेलवे कर्मचारी अमर कुमार शंटिंग ऑपरेशन के दौरान ट्रेन के इंजन और कोच के बफर के बीच फंस गए. रिपोर्टों के अनुसार, अमर कुमार ट्रेन की कपलिंग खोलने की कोशिश कर रहे थे, तभी ट्रेन अचानक पलट गई और वह कोचों के बीच फंस गए। ट्रेन चालक ने अलार्म बजने के बाद घटनास्थल से भागने की कोशिश की और इंजन को उलटने या घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। नतीजतन, अमर कुमार को ट्रेन ने कुचल दिया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पूर्व मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रकार के ऑपरेशन (Train Coupling) में दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया, जिसके कारण यह “दुर्भाग्यपूर्ण घटना” घटी। अधिकारी ने कहा कि इस घटना की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।