नई दिल्ली, 7 दिसंबर। Winning MLA : विधानसभा चुनाव जीतकर आए बीजेपी के 12 में से 11 सांसदों ने सांसदी पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल भी शामिल हैं। जानते हैं कि इन्हें सांसद के तौर पर कितनी सैलरी मिलती थी और अब विधायक बनने पर कितनी सैलरी कम हो जाएगी?
BJP के 12 में से 11 सांसदों ने दे दिया इस्तीफा
तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 21 सांसदों को भी उतारा था, लेकिन इनमें से जीते 12, जिसमें से अब तक 11 सांसदों ने सांसदी से इस्तीफा भी दे दिया है। केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह का इस्तीफा होना बाकी है।
इस्तीफा देने वाले सांसदों में दो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल भी हैं। इनके अलावा राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी इस्तीफा दे दिया है। जिन सांसदों ने इस्तीफा दिया है, उनमें राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक, दिया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौर, गोमती साई और अरुण साओ शामिल हैं।
अब चूंकि ये सांसद अब विधायक बन गए हैं, इसलिए अब इनका ठिकाना भी बदल जाएगा। अब तक ये दिल्ली में बैठा करते थे। लेकिन अब इनका ठिकाना राज्यों की राजधानी में होगा। सिर्फ ठिकाना ही नहीं, बल्कि इनकी सैलरी भी कम-ज्यादा हो जाएगी।
सांसद थे तब कितनी मिलती थी सैलरी?
लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की महीने की बेसिक सैलरी 1 लाख रुपये है। इसके अलावा जब संसद सत्र चलता है तो हर दिन दो हजार रुपये का भत्ता भी मिलता है। इसके साथ ही 70 हजार रुपये का भत्ता निर्वाचन क्षेत्र के लिए और ऑफिस के खर्चे के लिए 60 हजार रुपये मिलते हैं।
एमपी में जीते सांसदों को कितनी मिलेगी सैलरी?
यहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल के अलावा राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह और रीति पाठक ने विधानसभा चुनाव जीता है। इन पांचों ने सांसदी पद से इस्तीफा भी दे दिया है। एमपी में अभी विधायकों को 1.10 लाख रुपये हर महीने मिलते हैं। इसमें 30 हजार रुपये बेसिक सैलरी है। बाकी 70 हजार रुपये भत्ते के रुप में मिलते हैं।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री को दो लाख, कैबिनेट मंत्रियों को 1.70 लाख और राज्य मंत्रियों को 1.45 लाख रुपये का वेतन-भत्ता हर महीने मिलता है। एमपी सरकार ने इस साल विधायकों की सैलरी और भत्ते 40 हजार रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था, हालांकि, अभी ये प्रस्ताव पास नहीं हुआ है।
छत्तीसगढ़ में जीते सांसदों की कितनी होगी सैलरी?
यहां से गोमती साई, अरुण साओ और रेणुका सिंह ने चुनाव जीता है। रेणुका सिंह को छोड़कर बाकी दोनों ने सांसदी पद से इस्तीफा दे दिया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यहां विधायकों को हर महीने 1.17 लाख रुपये की सैलरी और भत्ते मिलते हैं। इसमें 20 हजार रुपये बेसिक सैलरी है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को 1,32,500 रुपये, मंत्रियों को 1,17,500 रुपये और राज्य मंत्रियों को 1,07,500 रुपये की सैलरी और भत्ते मिलते हैं।
राजस्थान में जीते सांसदों की कितनी होगी सैलरी?
किराड़ी लाल मीणा, दिया कुमार, राज्यवर्धन सिंह राठौर और महंत बालकनाथ ने विधानसभा चुनाव जीता है। इन सभी ने सांसदी से इस्तीफा दे दिया है। राजस्थान में अगस्त 2019 में ही सैलरी और भत्ते बढ़ाए गए थे। अभी राजस्थान में विधायकों को हर महीने 40 हजार रुपये बेसिक सैलरी मिलती है। इसके अलावा निर्वाचन क्षेत्र के लिए 75 हजार रुपये का भत्ता भी मिलता है।इन सबके अलावा सत्र के दौरान हर दिन 2 हजार रुपये का भत्ता मिलता है। साथ ही टेलीफोन बिल के लिए हर महीने 2,500 रुपये मिलते हैं।
सांसद की पेंशन भी मिलती रहेगी
अगर कोई सांसद (Winning MLA) से विधायक बन जाता है तो उसे सांसद की पेंशन के साथ-साथ विधायक की सैलरी भी मिलेगी और विधायक पद से हटने के बाद सांसद और विधायक, दोनों की पेंशन मिलती है। अभी लोकसभा के पूर्व सांसदों को हर महीने 25 हजार और राज्यसभा के पूर्व सांसदों को 27 हजार रुपये पेंशन मिलती है। हर पांच साल में पेंशन में दो हजार रुपये और बढ़ जाते हैं।