नई दिल्ली, 10 दिसंबर। Chairman of Rajya Sabha : विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग को लेकर राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला दिया है। जयराम रमेश की अगुवाई में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने मंगलवार को संविधान के अनुच्छेद 67 बी के तहत इससे संबंधित प्रस्ताव राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंप दिया। इसे लेकर अब जयराम रमेश का बयान आया है।
उन्होंने कहा है कि यह निजी मसला नहीं है. हमने केवल विपक्षी नेताओं के अपमान को लेकर अपनी आवाज उठाई है। जयराम रमेश ने यह भी कहा है कि आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार), झारखंड मुक्ति मोर्चा, डीएमके समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर 60 सांसदों के हस्ताक्षर हैं।
जयराम रमेश ने गिनाए ये कारण
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने दावा किया कि सरकार नहीं चाहती कि सदन चले। जयराम रमेश ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को कठघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि रिजिजू ने राज्यसभा सभापति और जेपी नड्डा के सामने राज्यसभा नहीं चलने देने की बात कही थी। उन्होंने दावा किया कि फ्लोर लीडर्स की बैठक में रिजिजू ने यह कहा था कि जब आप (विपक्षी दल) लोकसभा में अडानी का मुद्दा उठाते रहेंगे, हम (सत्ता पक्ष) राज्यसभा नहीं चलने देंगे।
जयराम रमेश ने संसद में जारी गतिरोध के लिए सत्ता पक्ष को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि स्पष्ट हो चुका है कि सरकार नहीं चाहती कि संसद में कामकाज हो। इससे पहले, उपराष्ट्रपति को हटाने की मांग को लेकर अविश्वास प्रस्ताव राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपने के बाद जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे लेकर पोस्ट किया था।
जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने को कष्टकारी निर्णय बताते हुए कहा था कि अति पक्षपातपूर्ण तरीके से राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन सभापति कर रहे हैं। इंडिया ब्लॉक की पार्टियों के पास उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। संसदीय लोकतंत्र के हित में यह कदम उठाना पड़ा है।