Chandrayaan-3: Superpower America is tracking 'Chandrayaan-3', these countries of the world are also keeping an eye on ISRO's missionChandrayaan-3
Spread the love

नई दिल्ली, 23 अगस्त। Chandrayaan-3 : ‘चंद्रयान 3’ की सफल लांचिंग के बाद से ही दुनिया के कई देश ‘इसरो’ के अंतरिक्ष मिशन पर नजर रख रहे हैं। इन देशों में एक ‘महाशक्ति’ अमेरिका भी शामिल है। अमेरिकी ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) चंद्रयान-3 के हर मूवमेंट पर नजर रख रहा है। चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ पर आस्ट्रेलिया और स्पेन में बने सेंटर से भी नजर रखी जा रही है। ब्रूनेई और इंडोनेशिया के स्पेस सेंटर भी भारत के अंतरिक्ष मिशन पर टकटकी लगाए बैठे हैं।

विकसित देशों को यह बात बहुत अखरती है …

इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. किरण कुमार के मुताबिक, कई देशों ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए अलग-अलग जगहों पर स्पेस सेंटर स्थापित किए हैं। जैसे भारत का स्पेस नेटवर्क बंगलूरू में है, वैसे ही विकसित देशों में भी ऐसे ही नेटवर्क सेंटर बने हुए हैं। अमेरिका, आस्ट्रेलिया और स्पेन में बने सेंटरों से चंद्रयान की लैंडिंग पर नजर रखी जा रही है।

डॉ. किरण कुमार ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष का सफर, वो भी अपने दम पर, कई विकसित देशों को यह बात बहुत अखरती है। भले ही तकनीक के रूप में इन देशों से अपेक्षित सहयोग न मिला हो, लेकिन अब वे चंद्रयान-3 पर नजर रख रहे हैं। अमेरिका स्थित ‘नासा’ से ‘चंद्रयान-3’ को ट्रैक किया जा रहा है। 

ट्रैकिंग से हमारा क्लेम भी वेरिफाई होगा … 

वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसके ढाका के अनुसार, इसमें कुछ गलत भी नहीं है। नासा सहित कई देशों में अंतरिक्ष मिशन की तैयारी में जुटे संगठनों के साथ कुछ संधियां और समझौते होते हैं। उसके तहत वे देश, दूसरे राष्ट्र के लांचिंग मिशन पर नजर रखते हैं। उसके बाद लैंडिंग को भी वे देश ट्रैक करते हैं। इस तरह की ट्रैकिंग से हमारा क्लेम भी वेरिफाई हो जाता है। नासा सहित दूसरे स्पेस संगठन, आपस में डेटा साझा करते हैं। दुनिया में ब्रूनेई और इंडोनेशिया के पास भी इस तरह की तकनीक है। वे भी नजर रख सकते हैं। हमें चंद्रयान 3 की सॉफ्ट एवं सेफ लैंडिंग की पूरी उम्मीद है। 

चंद्रमा पर अपना सर्विस स्टेशन तैयार हो सकेगा … 

वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेंद्र भंडारी कहते हैं कि इस बार मजबूत लैंडर बनाया गया है। रोबोट वही है, जो चंद्रयान के दौरान इस्तेमाल हुआ था। चंद्रयान-1 से पता चला था कि चंद्रमा के कई हिस्सों पर बर्फ है, पानी है या गीलेपन की स्थिति है। पूरी उम्मीद है कि टेस्टिड इंजन के जरिए इस बार चंद्रयान-3 की सुरक्षित एवं सॉफ्ट लैंडिंग होगी।

सके ढाका के अनुसार, चंद्रयान-3 की कामयाबी भविष्य के द्वार खोलेगी। इसकी सफलता के बाद भारत, चंद्रमा पर अपना सर्विस स्टेशन बना सकेगा। लाइट के पोलेराइलेशन को स्टडी किया जा सकेगा। स्टेशन का इस्तेमाल, आगे की रिसर्च के लिए होगा। उस वक्त दुनिया में भारत की धमक होगी। दुनिया, भारत की तरफ देखेगी। संभव है कि अब खर्च हुआ एक पैसा आगे चलकर हमारे देश को एक अरब रुपये देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *