बरेली, 17 दिसंबर। Jyoti Maurya : यूपी में बरेली सेमी खेड़ा चीनी मिल की जीएम पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य पति से विवाद के चलते चर्चा में आई थीं। एक बार फिर वो सुर्खियों में आ गई हैं। चीनी मिल की क्षमता के अनुरूप पेराई न होने के कारण उनको जीएम पद से हाथ धोना पड़ा है। किसानों की शिकायत और प्रशासन की नाराजगी के बाद शासन ने ये एक्शन लिया है।
बॉयलर भी हो गया खराब
अब Jyoti Maurya को चीनी मिल के लखनऊ मुख्यालय से संबंद्ध कर दिया गया है। बागपत से आए शादाब आलम को उनके स्थान पर पदभार सौंपा गया है। सरकारी चीनी मिल सेमी खेड़ा की पेराई क्षमता 27500 टन प्रतिदिन है। मगर, चीनी मिल अब तक दो पॉइंट 70 लाख टन गन्ना की पेराई कर सकी है।
चीनी मिल में गन्ने की पेराई 28 नवंबर को शुरू हो गई थी। इस हिसाब से 18 दिनों में लगभग चार पॉइंट 95 लाख टन गन्ने की पेराई हो जानी चाहिए थी। मगर ऐसा नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि चीनी मिल के रोलर समय पर यहां नहीं पहुंचे, जिसकी वजह से बॉयलर भी खराब हो गया। यह काम भी लेट शुरू हो पाया।
बताया जा रहा है कि बॉयलर खराब होने की वजह से मशीन की क्षमता के अनुसार काम नहीं हो पाया। इस वजह से मजबूरी में किसान अपना गन्ना बाजारों में बेचने पर मजबूर हो गए। सस्ते दामों में गन्ना बेचा गया। गन्ना समय पर चीनी मिल नहीं पहुंच पाया। चीनी मिल का जो निर्धारित टारगेट था, वो भी पूरा नहीं हो पाया।
आसपास के जिलों से आना था गन्ना
बताया जा रहा है परसा खेड़ा चीनी मिल में बरेली के अलावा भोजीपुरा क्षेत्र से बदायूं जिले और आसपास के कई जिलों से किसान गन्ना लेकर यहां आते थे। अभी कुछ दिन पहले ही डीएम रविंद्र कुमार ने सरकारी चीनी मिल का औचक निरीक्षण भी किया था। मगर, कोई सुधार नहीं हुआ। डीएम ने इस संबंध में नाराजगी भी जताई थी। मगर, काम में तेजी नहीं आई।
कुछ समय पहले Jyoti Maurya पति से विवाद के चलते सुर्खियों में आई थीं। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो और फोटो वायरल हुए थए। इनको लेकर कई दिनों तक मामला मीडिया में भी हाईलाइट रहा।