Lok Sabha: News worth knowing...! The only punishment for such crimes is 'hanging'... 3 major criminal bills passed in Lok Sabha... Know hereLok Sabha
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नई दिल्ली, 20 दिसंबर। Lok Sabha : आपराधिक कानूनों की जगह लेने वाले तीन महत्वपूर्ण विधेयक आज लोकसभा में पास हो गए। भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 सहित तीन बिल लोकसभा से पारित।

आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए तीन बिलों को पिछले हफ्ते गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया था। इसमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक शामिल है। इसके अलावा दूरसंचार विधेयक, 2023 को भी आज लोकसभा में पास कर दिया गया है।

97 निलंबित सांसदों की अनुपस्थिति में ध्वनि मत से पारित

नए कानून में आतंकवाद, महिला विरोधी अपराध, देश द्रोह और मॉब लिंचिंग से संबधित नए प्रावधान पेश किए गए। यह बिल ऐसे समय में पास हुए जब लोकसभा से 97 विपक्षी सांसदों की निलंबित किया हुआ है। इन सभी सांसदों को पिछले सप्ताह से कार्यवाही में बाधा डालने के कारण निलंबित कर दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इन बिलों के पेश करने का उद्देशय कानून व्यवस्था को बेहतर बनाना है।

हाल ही में सुरक्षा उल्लंघन पर विरोध प्रदर्शन के बाद 143 विपक्षी सदस्यों के निलंबन के बीच ये कानून पारित किए गए। दो और सांसदों के निलंबन के साथ आज लोकसभा में निलंबन की संख्या 97 तक पहुंच गई। एक तृणमूल सांसद द्वारा राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल के बाद यह मुद्दा सरकार और विपक्ष के बीच ताजा विवाद का विषय बन गया है।

मॉब लिंचिंग’ घृणित अपराध : गृह मंत्री

चर्चा के दौरान शान ने किसी का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि ‘अगर मन इटली का है तो ये कानून कभी समझ नहीं आएगा, लेकिन अगर मन यहां का है तो समझ आ जाएगा।” गृह मंत्री का कहना था कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है जो भारत की जनता का हित करने वाले हैं।

शाह ने कहा, ”इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में  पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं।” गृह मंत्री ने सदन (Lok Sabha) में कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’ घृणित अपराध है और इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जा रहा है।