नई दिल्ली, 19 सितम्बर। Mahila Aarakshan : महिला आरक्षण बिल एक बार फिर चर्चा में है, केंद्रीय कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है। अब बिल को विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया जाएगा। 27 सालों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक लाने के लिए विपक्ष लगातार जोर दे रहा है। यदि विशेष सत्र में विधेयक पर सदन की मुहर लग जाती है तो 2024 में लोकसभा का नजारा बदल सकता है, ऐसा हो सकता है कि इतिहास में पहली बार सदन में 33 प्रतिशत महिलाएं नजर आएं।
वर्तमान में लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है, हैरानी की बात ये है कि राज्य विधानसभाओं में ये आंकड़ा दस फीसदी से भी निचले स्तर पर है। ऐसे में लगातार लोकसभा और विधानसभा में महिला सांसदों और विधायकों की संख्या बढ़ाए जाने के लिए आरक्षण की मांग की जा रही है। आखिरी बार 2010 में ये विधेयक राज्यसभा में पेश हुआ था, तब हंगामे के बीच इसे पास भी कर दिया गया था, लेकिन लोकसभा ये पास नहीं हो सका था।
आरक्षण के बाद किस राज्य से कितनी महिला सांसद होंगी?
यदि संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण पर मुहर लग जाती तो 33 प्रतिशत के हिसाब से लोकसभा की 545 सीटों में से तकरीबन 180 सीटों पर प्रतिनिधित्व महिलाओं का होगा। इस लिहाज से आंध्रप्रदेश में 25 लोकसभा सीटों में से 8 पर महिलाओं का कब्जा होगा। असम में 14 सीटों पर 5, बिहार में 40 में से 14, छत्तीसगढ़ में 11 में 4 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगीं।
गुजरात में 26 लोकसभा सीटें हैं, 33 प्रतिशत के हिसाब से यहां 9 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगीं। हरियाणा में 10 सीटों के लिहाज से 4, और हिमाचल में 4 सीटों के हिसाब से तकरीबन 1 सीट महिला आरक्षित हो सकती है। जम्मू में 5 लोकसभा सीटें हैं इनमें से 2 महिलाओं के लिए आरक्षित की जा सकती हैं। 16 सीटों वाले झारखंडमें यह आंकड़ा 5 तक पहुंच सकता है। कर्नाटक में 28 सीटों के मुताबिक 9 और केरल में 20 सीटों में से 7 महिला आरक्षित हो सकती हैं।
मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र में यह होगा आंकड़ा
लोकसभा में महिला आरक्षण के हिसाब से मध्य प्रदेश में 29 में से 10 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जा सकती हैं। वहीं महाराष्ट्र में 48 सीटों के मुकाबले यह आंकड़ा 16 पर पहुंच सकता है। दिल्ली में 7 सीटों में से 2 और ओडिशा में 21 सीटों में 7 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जा सकती हैं।
पंजाब-राजस्थान में ये होगा आंकड़ा
महिला आरक्षण लागू होने के बाद पंजाब में 13 लोकसभा सीटों में से 4 आरक्षित हो सकती हैं, वहीं राजस्थान में 25 में से 8 सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित की जा सकती हैं। तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीटें यहां आरक्षण के हिसाब से 13 सीटों महिलाओं के लिए आरक्षित रखी जा सकती हैं।
उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 27 सीटें हो सकती हैं महिला आरक्षित
उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटें हैं, यदि महिला आरक्षण पर मुहर लगती है तो यहां सर्वाधिक 27 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जा सकती हैं। तेलंगाना में 17 में से 6, उत्तराखंड में 5 में से 2, पश्चिम बंगाल में 42 में से 14 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो सकती हैं।
इन राज्यों की सीटों पर संसद लेगी फैसला
ऊपर जितने राज्यों के बारे में बताया गया वहां 3 से ज्यादा लोकसभा सीटें हैं, देश में ऐसे कई प्रदेश हैं जहां सिर्फ दो या 1 लोकसभा सीट है, इनमें अरुणाचल प्रदेश में 2, गोवा में 2, मणिपुर-मेघालय में दो-दो, मिजोरम-नागालैंड-पुडुचेरी, सिक्किम में 1-1, त्रिपुरा में 2 लोकसभा सीटें हैं। इसके अलावा केंद्र शासित, अंडमान निकोबार, चंडीगढ़, दादरा नागर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप, लद्दाख में भी 1-1 लोकसभा सीट हैं, इन पर क्या होगा फिलहाल यह तय नहीं है।
अभी ये हैं हालात
लोकसभा में 545 सीटें हैं, इनमें से महज 78 सीटों पर महिला सांसद चुनी गईं हैं। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो यह आंकड़ा 15 फीसदी से भी कम है। राज्यसभा में भी यही हालात हैं, वहां भी तकरीबन 14 प्रतिशत ही महिला सांसद हैं। राज्यों की विधानसभाओं में भी इनका औसत प्रतिनिधित्व 10 फीसदी (Mahila Aarakshan) से भी कम है।