Patrakar Murder Revelation: This is the killer of journalist Mukesh Chandrakar...IG made a big revelation, watch the video herePatrakar Hatya Khulasa
Spread the love

रायपुर, 04 जनवरी। Patrakar Hatya Khulasa : बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। फरार मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्रकार की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

1 जनवरी की रात करीब 8:30 बजे पत्रकार मुकेश चंद्रकार अपने घर से लापता हो गए थे। उनके परिजनों ने 2 जनवरी की रात पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के दौरान, पुलिस ने मुकेश के अंतिम लोकेशन के आधार पर ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के बाड़े की तलाशी ली। यहां एक नए फ्लोरिंग वाले सेप्टिक टैंक से उनका शव बरामद किया गया।

फॉरेंसिक टीम ने शव की जांच के दौरान पाया कि उनकी हत्या लोहे की रॉड से सिर, छाती, और पेट पर वार करके की गई थी। हत्या के बाद शव को सेप्टिक टैंक में डालकर उसे प्लास्टर से ढक दिया गया था।

हत्याकांड मामले में गठित होगी SIT

सुंदरराज पी., पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज ने कहा कि “इस घटना में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। साक्ष्यों के आधार पर विवेचना की जा रही है। जल्द ही न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।” पुलिस ने मुख्य आरोपी रितेश चंद्रकार को रायपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। अन्य दो आरोपियों, दिनेश चंद्रकार और महेंद्र रामटेके को बीजापुर से हिरासत में लिया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पारिवारिक और व्यावसायिक विवाद के चलते यह हत्या हुई।

घटना के बाद आरोपी रितेश चंद्रकार ने शव छुपाने के लिए अपने भाई और सुपरवाइजर की मदद ली। सुरेश चंद्रकार के तीन बैंक खातों को होल्ड किया गया है और उनकी संपत्तियों की जांच की जा रही है। फिलहाल, एसआईटी इस मामले की गहन जांच कर रही है। ठेकेदार सुरेश चंद्रकार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की चार टीमें संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं। देखना होगा कि प्रशासन कब तक पीड़ित परिवार को न्याय दिला पाता है।

बताया जा रहा है कि 120 करोड़ की लागत से नेलसनार 

कुडोली, मीरतुर की सड़क बनाई गई है। लगभग 5 से 6 दिन पहले ही पत्रकार मुकेश ने रायपुर से आए एक साथी के साथ मिलकर इस सड़क में भ्रष्टाचार की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिस वजह से मुकेश चंद्राकर और उसके रिश्तेदार सुरेश चंद्राकर में विवाद हो गया था। पत्रकार से बार-बार संपर्क साधने की कोशिश कर रहे थे। एक जनवरी को एक व्यक्ति मुकेश चंद्राकर के घर पहुंचा था और उसे एक जगह पर चलने की बात कही थी। इसके बाद से ही मुकेश चंद्राकर लापता थे।

जिस जगह से लाश बरामद की गई, वहां पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही। मौके पर एफएसएल की टीम और पुलिस के आला अफसर मौजूद रहे। बड़ी संख्या में बस्तर संभाग के जिलों से पत्रकार भी घटना स्थल पर पहुंचे। परिजनों और पुलिस के मुताबिक मुकेश चंद्राकर एक जनवरी से लापता थे।

आमतौर पर सेप्टिक टैंक में एक हिस्सा खुला छोड़ा जाता है, जिस पर ढक्कन लगाया जाता है। यह एक चैंबर खुला छोड़ दिया जाता है। साफ सफाई करने के लिए इस चैंबर को अलग से लगाया जाता है। आरोपियों ने लाश को छिपाने के लिये पूरी तरह से सेप्टिक टैंक कांक्रीटीकरण कर दिया था। जब पत्रकारों की नजर इस पूरी तरह से ढके हुए सेप्टिक टैंक पर पड़ी तो उन्होंने इसे तुड़वाने की बात कही। इसे लेकर पत्रकार और पुलिस के बीच अनबन भी हो गई थी। बाद में इसी सेप्टिक टैंक को तोड़ा गया तो उसके अंदर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की लाश देखी गई। 

शव को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारे ने पहले गला घोंटा होगा। उसके बाद सिर पर धारदार हथियार से कई वार किए होंगे। क्योंकि सिर पर करीब ढाई इंच का गहरा गड्ढा हो गया है। ऐसा लग रहा है जैसे कुल्हाड़ी से वार किया गया है।

बीजापुर में पत्रकार की हत्या के तार रायपुर से जुड़े

ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के छोटे भाई रितेश चंद्राकर की  CG20-3333 नंबर की कार रायपुर एयरपोर्ट पर खड़ी मिली, जिसे बाद में पुलिस ने जब्त किया। वह गुरुवार को 6.40 बजे दिल्ली फ्लाइट में फरार हो गया था। जिसे दिल्ली से पुलिस ने हिरासते में लेकर पूछताछ कर रही है। उसके भाई बड़े भाई सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बताया जाता है कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर सुरेश चंद्राकर का रिश्तेदार भी था। शव का पोस्टमार्टम हो चुका है। पुलिस को बस पीएम रिपोर्ट आने का इंतजार है।

इस मामले में बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव (Patrakar Hatya Khulasa) का कहना है कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

https://twitter.com/EkJantaKiAwaaz/status/1875521508443103369

You missed