नई दिल्ली, 08 मई। RML Hospital : CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के RML अस्पताल में रैकेट का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई ने अस्पताल के दो डॉक्टरों समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये लोग मरीजों से इलाज के नाम पर रिश्वत वसूल रहे थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करने वाले भी शामिल हैं। ये लोग पूरा रैकेट चलाकर अस्पताल आने वाले मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे थे।
सीबीआई ने सूत्रों से मिले इनपुट के आधार पर कार्रवाई करते हुए रिश्वतखोरी में शामिल 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।जानकारी के मुताबिक आरोपी पांच मॉड्यूल के जरिए भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे थे और मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे थे। मरीजों से स्टेंट और अन्य चिकित्सा आवश्यकताओं की आपूर्ति, स्टेंट के विशेष ब्रांड की आपूर्ति, लैब में चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति, रिश्वत के बदले मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने और फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के नाम पर वसूली की जा रही थी।
मरीजों से रिश्वत लेने के आरोप के बाद CBI का एक्शन
CBI द्वारा दर्ज FIR के मुताबिक एक विश्वसनीय सूत्र के माध्यम से जानकारी मिली थी कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली के कई डॉक्टर और कर्मचारी भ्रष्ट आचरण में लिप्त हैं और कई तरह के मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के जरिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मरीजों से रिश्वत वसूल रहे हैं।
सूत्रों ने सीबीआई को बताया कि आरएमएल अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. पर्वतगौड़ा और प्रोफेसर डॉ. अजय राज मेडिकल उपकरण बनाने सप्लाई करने वाली कंपिनयों के लोगों के साथ मिलकर साजिश के तहत खुलेआम रिश्वत ले रहे हैं।
ये बात भी सामने आई है कि नागपाल टेक्नोलोजी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक नरेश नागपाल, साइनमेड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अबरार अहमद, बायोट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के टेरिटरी सेल्स मैनेजर आकर्षण गुलाटी, बायोट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड की कर्मचारी मोनिका सिन्हा, भारती मेडिकल टेक्नोलोजी के भरत सिंह दलाल, आरएमएल अस्पताल स्थित कैथ लैब के वरिष्ठ तकनीकी प्रभारी रजनीश कुमार ने डॉ. पर्वतगौड़ा और डॉ. अजय राज द्वारा प्रत्यारोपित किए जाने वाले मेडिकल उपकरणों के इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए रिश्वत ली।