CG NEWS : राज्य लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती घोटाले (CGPSC Scam Case) में सीबीआई की गिरफ्त में आने के बाद जेल भेजे गए पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल के बाद अब रडार पर आए आइएएस-आइपीएस अफसरों से लगातार पूछताछ की जा रही है। सूत्रों की मानें तो टामन सिंह के ठिकानों से सीबीआइ को कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इसके आधार पर ही घोटाले में शामिल रहे अफसरों पर शिकंजा कसने की तैयारी है।
जल्द ही पीएससी के तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो, रिटायर आइपीएस केएल ध्रुल, कांग्रेस नेता सुधीर कटियार समेत अन्य से पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। कुछ लोगों के बैंक खातों की जांच के दौरान सीबीआई को संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिले हैं। इसकी पड़ताल की जा रही है। चर्चा है कि 15 दिनों के भीतर कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी। इसमें सोनवानी के कुछ करीबी भी शामिल हैं, जिनके खातों में लाखों का लेन-देन किया गया है।
सीबीआई की जांच (CGPSC Scam Case) में साफ हुआ है कि रिटायर आइएएस सोनवानी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हीं नही पीएससी की साख पर बट्टा लगाने का काम किया है। उन्होंने सारे नियमों को दरकिनार कर अपने ही रिश्तेदारों, करीबी, उद्योगपति और नेताओं के बेटे-बेटियों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, आबकारी अधिकारी, श्रम अधिकारी और असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया।
सोनवानी का भतीजा नीतेश और बहू निशा कोसले डिप्टी कलेक्टर, भतीजे की पत्नी दीपा अजगले आदिल जिला आबकारी अधिकारी, बहन की बेटी सुनीता जोशी श्रम अधिकारी और भतीजा साहिल डीएसपी बने हैं। कुछ रिश्तेदार असिस्टेंट प्रोफेसर में भी चयनित हुए हैं। सीबीआइ अभी सिर्फ पीएससी भर्ती की जांच कर रही है। इसके बाद अन्य भर्तियों की जांच करेगी।