Tirupati Balaji: Laddu controversy...! Non-Hindu employees discharged from Tirupati Balaji...ban on politics and speeches...see other decisions hereTirupati Balaji
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तिरुमला, 19 नवंबर। Tirupati Balaji : तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें बोर्ड में कार्यरत गैर-हिंदुओं कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने या आंध्र प्रदेश में अन्य सरकारी विभागों में ट्रांसफर का विकल्प दिया जाएगा। टीटीडी के इस फैसले की टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू ने पुष्टि की है। सूत्रों की मानें तो कई कर्मचारी संघों ने टीटीडी के इस फैसला का समर्थन किया।

टीटीडी 54वीं टीटीडी गवर्निंग काउंसिल की पहली बैठक में लिए महत्वपूर्व फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए अध्यक्ष बी.आर. नायडू ने बताया कि टीटीडी में कार्यरत गैर-धार्मिक कर्मचारियों के संदर्भ में उनसे चर्चा की जाएगी। यदि वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेना चाहें तो उन्हें ये विकल्प दिया जाएगा। नहीं तो उन्हें आंध्र प्रदेश सरकार के अन्य विभागों में ट्रांसफर किया जाएगा।

साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि श्रीनिवास सेतु का नाम बदलकर गरुड़ वरधी रखा गया है और मुमताज होटल के निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल पर अब राज्य सरकार से अनुरोध किया जाएगा कि वह इस सरकारी जमीन को टीटीडी को ट्रांसफर कर दे।

लड्डू विवाद पर क्या बोले

उन्होंने पिछले महीने उठे तिरुपति प्रसादम विवाद पर बोलते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 अक्टूबर को हस्तक्षेप करते हुए, लड्डुओं में इस्तेमाल हो रहे जानवरों की चर्बी वाले घी की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया  है। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भर में करोड़ों भक्तों की भावनाएं तिरुमाला प्रसादम से जुड़ी हैं। हम नहीं चाहते यह राजनीतिक नाटक में बदल जाए। एसआईटी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में टीटीडी अधिनियम में तीन बार संशोधन किया गया है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि मंदिर बोर्ड और उसके संबद्ध संस्थानों द्वारा केवल हिंदुओं को नियोजित किया जाना चाहिए। 1989 में जारी एक सरकारी आदेश में यह भी कहा गया कि टीटीडी द्वारा संचालित पदों पर नियुक्तियों को केवल हिंदुओं तक सीमित रहेगी।

राजनीति और भाषणों पर होगा प्रतिबंध

इसके अलावा बैठक में तिरुमाला में राजनीति और भाषणों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है और यदि कोई इसक उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय निवासियों के लिए दर्शन की सुविधा के तहत, प्रत्येक महीने के पहले मंगलवार को उन्हें विशेष दर्शन का अवसर प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि श्रीवाणी ट्रस्ट (Tirupati Balaji) को समाप्त कर इसे अन्य ट्रस्ट में विलय कर दिया गया है। अंत में टीटीडी कर्मचारियों को ब्रह्मोत्सव पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है। अध्यक्ष बी.आर. नायडू ने इन निर्णयों के माध्यम से टीटीडी की कार्यप्रणाली में सुधार और भक्तों की सुविधा में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई है।