Patrakar Murder Revelation: This is the killer of journalist Mukesh Chandrakar...IG made a big revelation, watch the video herePatrakar Hatya Khulasa
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बीजापुर, 10 जनवरी। Mukesh Chandrakar Hatya बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी ने कई बड़े खुलासे किए हैं। इसमें कहा गया है कि मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने इस हत्याकांड से कुछ दिन पहले अपने बैंक अकाउंट से बड़ी रकम निकाली थी। सुरेश ने ही अपने भाईयों के साथ मिलकर मुकेश की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने हत्या की वजह खराब सड़क से संबंधित खबर को बताया है।

छत्तीसगढ़ में पहली बार इस मर्डर केस की जांच में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया गया है। एसआईटी ने जांच के दौरान AI और Osint Tool का इस्तेमाल किया है। हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए लोहे के रॉड सहित अन्य सामान बरामद कर लिए गए हैं। इसे आरोपियों ने बीजापुर गीदम नेशनल हाईवे पर तुमनार नदी के पास छिपाया था। इस कांड में इस्तेमाल की गई चार गाड़ियां भी जब्त कर ली गई है।

हत्यारे ने 27 दिसंबर को निकाली बैंक से बड़ी रकम

एसआईटी के मुताबिक, मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर उसके सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली खबरों से नाराज था। उसने घटना से चार दिन पहले 27 दिसंबर को अपने बैंक खाते से बड़ी रकम निकाली थी
मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी को लापता हो गए थे। उनका शव 3 जनवरी को बीजापुर शहर के चट्टनपारा बस्ती में सुरेश चंद्राकर के स्वामित्व वाली संपत्ति पर एक सेप्टिक टैंक में मिला था।

कमरे में बंद कर बेरहमी से पीटा

पुलिस ने बताया कि सुरेश चंद्राकर को 5 जनवरी को हैदराबाद से पकड़ा गया था, जबकि उसके भाई रितेश, दिनेश चंद्राकर और साइट सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इन चारों में रितेश और महेंद्र ने क्राइम सीन के 17 कमरों में से कमरा नंबर 11 में मुकेश चंद्राकर पर लोहे की रॉड से हमला कर उसे घातक चोटें पहुंचाईं। इसके बाद शव को सेप्टिक टैंक में डालकर कंक्रीट से ढक दिया।

तुमनार नदी में फेंका मोबाइल

दिनेश चंद्राकर 1 जनवरी की रात को वारदात के बाद सबूत छिपाने और सुरेश चंद्राकर की पूर्व नियोजित योजना के अनुसार आरोपियों को भागने में मदद करने के लिए आया था। सुरेश चंद्राकर ने घटना के समय शहर से बाहर रहने की योजना बनाई थी, ताकि उस पर संदेह न हो। रितेश, दिनेश और महेंद्र ने साजिश के तहत मुकेश चंद्राकर के दो मोबाइल फोन बीजापुर से करीब 65 किलोमीटर दूर तुमनार नदी में फेंक दिया था।

भ्रष्टाचार उजागर करने से परेशान था सुरेश

इतना ही नहीं आरोपियों ने मुकेश के मोबाइल फोन को फेंकने से पहले पत्थरों से तोड़ दिया। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से तलाशी ली, लेकिन फोन अभी तक बरामद नहीं हुए हैं। पूछताछ के दौरान सुरेश चंद्राकर ने पुलिस को बताया कि मुकेश उसका रिश्तेदार था। वह अपने चैनल पर उसके खिलाफ खबरें प्रकाशित कर रहा था, जिससे उसके काम के खिलाफ जांच हो रही है। इस वजह से वो परेशान चल रहा था।

पुलिस ने 50 लोगों से की पूछताछ

एसआईटी ने बताया कि जांच टीम ने चारों आरोपियों को अलग-अलग रखकर दो दिन तक उनके मोबाइल की जांच की है। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के आधार पर पूछताछ की गई है उनके मोबाइल फोन से काफी डाटा डिलीट हो गया है, जिसे रिकवर किया जा रहा है. पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। उनसे कुछ अहम सबूत भी मिले हैं। आरोपियों की संपत्तियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।

15 दिनों की न्यायिक रिमांड पर हैं चारों आरोपी

फिलहाल चारों आरोपी 15 दिनों की न्यायिक रिमांड पर हैं। क्राइम सीन को अभी भी पूरी तरह सील रखा गया है। हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है। एसआईटी टीम ने सभी पूछताछ, तलाशी, जब्ती की कार्यवाही की वीडियोग्राफी की है। औपचारिक रूप से साक्ष्य के रूप में अपने पास ले लिया है। जांच के दौरान पुलिस को कुछ बेहद महत्वपूर्ण (Mukesh Chandrakar Hatya) साक्ष्य भी मिले हैं। उन्हें एसआईटी ने केस डायरी में संकलित कर लिया है।