रायपुर, 20 सितंबर। Zero Tolerance : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पाठ्य पुस्तक निगम जनरल मैनेजर को निलंबित कर दिया है, रविवार को पापुनि से छापी गई शैक्षणिक सत्र 2024-25 की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का मामला सामने आया था। कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने इस मामले का खुलासा किया था, वो लगातार सरकार से कार्यवाही की मांग भी कर रहे थे।
रेणु पिल्ले को जांच के निर्देश
विष्णु देव साय ने कलेक्टर कान्फ्रेंस में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को लेकर सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए थे। साय ने इस मामले की जानकारी मिलते ही सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को इस घटना की जांच के निर्देश दिए थे।
प्रेम प्रकाश शर्मा निलंबित
जांच में पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर प्रेम प्रकाश शर्मा की लापरवाही सामने आई है, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस-सीएम साय
सीएम शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जरुरी विषयों में बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री साय ने शासकीय कामों में ढिलाई बरतने वाले लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सुशासन की सरकार है और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी अगर अपने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। लापरवाह अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कारवाई सुनिश्चित की जाएगी।
पेपर मिल को किया गया सील
विधायक विकास उपाध्याय ने आरोप लगाया कि जांच से पहले ही साक्ष्य छिपाने और लीपापोती की कोशिश हो सकती है। लगातार दबाव के बाद देर रात वहां तहसीलदार अमले के साथ पहुंचे थे। उन्होंने पेपर मिल को ही सील कर दिया है। चर्चा है कि पेपर मिल के कबाड़ में मिली ये किताबें सरगुजा क्षेत्र से यहां बेची गई हैं। वहां के कर्मचारी दबी जुबान में चर्चा कर रहे हैं कि किताबें सूरजपुर क्षेत्र से आई हैं। बिल में भी इसका उल्लेख है। हालांकि, यह अधिकृत नहीं है। मामले की सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी।
ये है पूरा मामला
दरअसल, रविवार को रायपुर के सिलियारी स्थित पेपर मिल के कबाड़ में लाखों किताबें मिली थीं। इनमें सरकार की ओर से प्रदेश के सभी स्कूलों में बांटी जाने वाली किताबें भी शामिल हैं। सभी किताबें इसी सत्र की हैं। आरोप है कि ये सभी किताबें कटिंग के लिए पेपर मिल में लाई गई थीं। कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने किताबों के ढेर को देखा। इसके बाद वे फैक्ट्री के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने किताबें खरीदीं और बिना बांटे ही बेच दीं।