Vyapam Scams: The much talked about Vyapam scam...! The decision came after 10 years...7 culprits were sentenced to 7 years in jail...Know the matterVyapam Scams
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रायपुर, 29 जनवरी। EOW-ACB : छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत के आधार पर कथित कोयला लेवी और शराब घोटालों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। ईडी मामले में धन शोधन पहलू की जांच कर रही है।

एसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि कथित शराब घोटाले से संबंधित प्राथमिकी में कई कांग्रेस नेताओं सहित 70 लोगों को नामित किया गया है जबकि 35 लोगों को कथित कोयला लेवी घोटाले में नामित किया गया है।

उन्होंने बताया, ‘‘भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। प्राथमिकी में पिछली भूपेश बघेल सरकार के दो पूर्व मंत्रियों सहित कांग्रेस नेताओं, आईएएस अधिकारियों, व्यापारियों आदि को नामित किया गया है।’’

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है।

अधिकारी ने बताया कि कोयला लेवी ‘घोटाले’ की प्राथमिकी में 35 आरोपियों में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक – यू.डी. मिंज, गुलाब कमरो, चंद्रदेव प्रसाद राय, शिशुपाल सोरी और बृहस्पत सिंह, आईएएस अधिकारी समीर बिश्नोई और रानू साहू समेत मुख्यमंत्री कार्यालय में तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘‘शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, कांग्रेस नेता अनवर देहबर और अन्य सहित 70 लोगों और कंपनियों को नामित किया गया है।’’

कोयला लेवी से संबंधित प्राथमिकी में, एसीबी ने दावा किया कि सूर्यकांत तिवारी घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता था। प्राथमिकी में दावा किया गया कि वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों की मिलीभगत से राज्य में परिवहन किए गए कोयले पर प्रति टन 25 रुपये की लेवी वसूली गई थी।

कोयला लेवी घोटाले की प्राथमिकी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन जांच शुरू की और तलाशी अभियान के दौरान 11 लोगों को गिरफ्तार किया तथा 220 करोड़ रुपये की अपराध से अर्जित आय को कुर्क कर लिया।

इसमें कहा गया है कि अपनी धन शोधन जांच के दौरान ईडी को कई और आपराधिक अपराधों का पता चला, जो एसीबी और ईओडब्ल्यू, छत्तीसगढ़ के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

प्राथमिकी में कहा गया है कि कोयला लेवी के जरिये जुलाई 2020 और जून 2022 के बीच 540 करोड़ रुपये की उगाही की गई और इस राशि का उपयोग तिवारी और चौरसिया के निर्देशों के अनुसार किया गया।

ईडी के अनुसार, कथित शराब घोटाले की जांच में आपराधिक कृत्यों का खुलासा हुआ जिसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को नुकसान हुआ और इसमें शामिल लोगों को अनुचित अवैध लाभ हुआ। इसने अपराध से अर्जित आय लगभग 2,161 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से, ईडी और आयकर विभाग मामलों की जांच कर रहे थे और अब उन्होंने एसीबी को अपराध दर्ज करने की सिफारिश की है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘पहले हमारी पार्टी के कई नेताओं के नाम जांच में सामने नहीं आए थे, लेकिन अब उनके नाम EOW/ACB की प्राथमिकी में दर्ज किए गए हैं। यह लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें बदनाम करने के लिए किया गया है। यू.डी. मिंज का नाम इसलिए लिया गया क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के खिलाफ चुनाव लड़ा था।’’

इन दावों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा, ‘‘ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और वह अपना काम करती रही है। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।’’

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