Panchayat Election 2025: The coin of luck runs in politics...! The toss changed the fate... The victory of 2 candidates in the Panchayat elections became a game of lucky drawPanchayat Election 2025
Spread the love

गुवाहाटी, 13 मई। Panchayat Election 2025 : असम पंचायत चुनाव 2025 में दो सीटों पर मतों की समानता के कारण विजेता का निर्णय सिक्का उछालकर किया गया। यह घटना असम के नागांव और गोलाघाट जिलों में हुई, जहां दो महिला उम्मीदवारों- पुरबी राजखोवा और नलिन लेखाथोपी ने अपने-अपने वार्डों में टाई होने के बाद टॉस के माध्यम से जीत हासिल की। पुरबी राजखोवा ने ब्यूटी भुयान को और नलिन लेखाथोपी ने पूजा नाइक को हराया।

चुनाव में भाजपा बहुमत की ओर अग्रसर है, और सिक्का उछालने की यह प्रक्रिया स्थानीय लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अप्रत्याशित और प्रतिस्पर्धी प्रकृति को दर्शाती है।

जब बराबर वोट पड़े, तो टॉस से हुआ फैसला

असम में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनावों में कई जगहों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली। खासतौर पर दो वार्डों में ऐसे हालात बने जहां दो उम्मीदवारों को बराबर वोट मिले, और जीत का फैसला सिक्का उछालकर करना पड़ा।

नियम कहता है

भारतीय पंचायत चुनाव नियमों के अनुसार, यदि दो उम्मीदवारों को समान संख्या में वोट मिलते हैं और कोई स्पष्ट विजेता नहीं बनता, तो ऐसी स्थिति में चुनाव अधिकारी टॉस (coin toss) या लकी ड्रा के ज़रिए विजेता तय कर सकते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि इस नियम की जानकारी न तो अधिकतर उम्मीदवारों को थी, न ही कई चुनाव अधिकारियों को। परिणामस्वरूप जब ऐसी स्थिति आई, तो वहां मौजूद लोग खुद हैरान रह गए।

1. रंगबोंग गांव पंचायत (गोलाघाट जिला, वार्ड नंबर 6)

  • उम्मीदवार: नलिन लेखाथोपी
  • जनजातीय स्थिति: 500 से अधिक मतदाता, मुख्यतः कार्बी और आदिवासी समुदाय
  • उम्मीदवारों की संख्या: 4
  • परिणाम: वोट बराबर (tie)
  • फैसला: टॉस किया गया, जिसमें नलिन लेखाथोपी विजेता घोषित हुईं।

2. प्रमिला पंचायत (नागांव जिला, वार्ड नंबर 7)

  • उम्मीदवार: पूरबी बनाम ब्यूटी भुइयां
  • वोट: दोनों को 618-618 वोट
  • स्थिति: बिल्कुल बराबरी का मुकाबला
  • फैसला: यहां भी टॉस कराया गया, और पूरबी विजेता बनीं।

पंचायत चुनाव की अन्य खास बातें

  • चुनाव बैलेट पेपर के ज़रिए कराए गए, जिससे मैन्युअल गिनती में मामूली अंतर के कारण टाई की संभावनाएं बढ़ीं।
  • कई सीटों पर उम्मीदवार एक-एक वोट के अंतर से जीते या हारे।
  • इससे साफ होता है कि हर एक वोट की कीमत कितनी महत्वपूर्ण होती है।

जनता और उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया

वहीं कई लोगों ने इसे पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने वाला प्राकृतिक समाधान बताया।

इस प्रक्रिया को लेकर कुछ लोगों ने आश्चर्य जताया कि इतने बड़े लोकतांत्रिक फैसले को एक सिक्के की उछाल पर क्यों छोड़ा गया।