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कोटपूतली/राजस्थान, 16 मई। Bete ki Kartut : एक ऐसी ख़बर जो इंसानियत, रिश्तों और संवेदनाओं पर गहरे सवाल खड़े करती है। राजस्थान के कोटपूतली से एक मार्मिक लेकिन शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक मां की मौत के बाद उसके बेटे ने अंतिम संस्कार को सिर्फ इसलिए रोक दिया, क्योंकि उसे अपनी मां के चांदी के कड़े नहीं मिले।

जी हां, बेटे ने अपनी ही मां की चिता पर लेटकर अंतिम क्रिया को रोक दिया और तब तक शवदाह की अनुमति नहीं दी, जब तक उसे गहने वापस नहीं दिए। इस बीच मां की देह चिता पर रखी रही… और परिवार, रिश्तेदार, यहां तक कि गांववाले भी स्तब्ध खड़े देख रहे।

कलयुगी बेटे की लालच और मां का अपमान

ये सिर्फ एक घटना नहीं है, ये समाज में रिश्तों के बदलते मायनों की एक कड़वी तस्वीर है। जब रिश्ते, अपनापन और ममता…चांदी के कड़ों के आगे बौने पड़ जाएं, तो सोचिए क्या गुजरती होगी उस मां की आत्मा पर।

सोचिएगा जरूर…क्योंकि मां, बस एक रिश्ता नहीं, वो जीवन की सबसे पवित्र भावना होती है।