रायपुर, 02 अप्रैल। CG Coal Scams : छत्तीसगढ़ कोल घोटालों की जांच कर रही EOW और एसीबी मंगलवार एक बार फिर विशेष कोर्ट पहुंची। एजेंसी ने जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू और निलंबित डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया से पूछताछ के लिए अनुमति मांगने पहुंची थी, जहां कोर्ट ने अब अनुमति दे दी है।
कोल घोटाले में जेल में बंद सौम्या चौरसिया और रानू साहू से दो दिनों के पूछताछ के लिए ईओडब्ल्यू और एसीबी ने विशेष कोर्ट में आवेदन दिया है। आरोपी के वकील ने कोर्ट में अर्जी का विरोध भी नहीं किया है। ईओडब्ल्यू और एसीबी 6 से 8 अप्रैल तक पूछताछ के लिए आवेदन दिया है। जहां एजेंसी को कोर्ट से 3 दिन की अनुमति मिली है। कोर्ट ने ईओडब्ल्यू और एसीबी ने 4, 5 और 7 अप्रैल को पूछताछ के लिए अनुमति दे दी है।
तीन दिन पहले भी की थी पूछताछ एसीबी
ईओडब्ल्यू लगातार कोयला घोटाला और शराब घोटाले के आरोपियों से पूछताछ कर रही है। दूसरे दिन भी एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचे और आरोपियों से पूछताछ जारी है। जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, EOW की टीम आज निलंबित IAS समीर विश्नोई और सूर्यकांत तिवारी से सवाल-जवाब करने वाली है। शुक्रवार को सभी आरोपियों से EOW की टीम ने 10 घंटे से ज्यादा की पूछताछ की थी। स्पेशल कोर्ट से मिली अनुमति के बाद टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है। कोर्ट से 29 से 2 अप्रैल तक पूछताछ करने की अनुमति मिली है।
आरोपियों से पूछताछ के लिए ACB की ओर से ED की स्पेशल कोर्ट में तीन आवेदन पेश किए गए थे। आवेदन में कहा गया था कि, इन मामलों में आगे की जांच के लिए जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ करना जरूरी है। कोर्ट ने आवेदन को स्वीकार करते हुए जेल में ही पूछताछ की अनुमति दी है। इन आरोपियों से हो रही पूछताछशराब घोटाले मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद अरविंद सिंह, महादेव सट्टेबाजी में असीम दास, भीम यादव व सतीश चंद्राकर, कोयला घोटाले में समीर बिश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, शिवशंकर नाग और नायर से पूछताछ होगी।
कार्यवाही में अब तेजी आने की उम्मीद
कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में कोयला शराब (CG Coal Scams) और महादेव सट्टा एप मामले में पिछले दिनों ACB ने FIR दर्ज की है। इन सभी मामलों में ED की ओर से प्रतिवेदन दिया गया था। ED की ओर से ACB को भेजे प्रतिवेदन में ये कहा गया कि -ईडी ने PMLA के तहत उपरोक्त मामलों में कार्यवाही की है। ED की जांच में इन प्रकरणों में आईपीसी की विभिन्न धाराओं और लोकसेवकों की गड़बड़ी के मजबूत संकेत मिले हैं, अतः नियमों के अनुसार यह प्रतिवेदन ACB को प्रेषित कर रहे है, ताकि उपयुक्त धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर आवश्यक अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।