रायपुर, 7 दिसंबर। CG Election Result : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में नतीजे कांग्रेस की उम्मीदों के विपरीत आए हैं। सत्ता बरकरार रखने के बदलेा अब उन्हें विपक्ष की भूमिका में बैठना पड़ेगा। 2018 में 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2023 के चुनाव में 35 सीटों पर सिमट गई है। इस चुनाव में कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गजें ताश के पत्तों की तरह धराशाही हो गए हैं। बीजेपी राज्य में एक बार फिर से सरकार बनाने जा रही है, जबकि विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस को अब नेता प्रतिपक्ष का चयन करना होगा। जिसके लिए कांग्रेस में भी मंथन का दौर शुरू हो गया है।
35 में 14 विधायक पहली बार जीते
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 35 विधायक जीते हैं, जिनमें से 14 विधायक पहली बार विधायक बने हैं, बाकी 21 में आधे से ज्यादा दूसरी बार विधायक बने हैं। जिनमें कुछ ही विधायक सीनियर हैं। ऐसे में पार्टी को एक ऐसे चेहरे की जरुरत होगी जो शुरुआत से ही एग्रेसिव हो क्योंकि आने वाले कुछ समय में 2024 के लोकसभा चुनाव होने हैं, जिसमें कांग्रेस को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
नेता प्रतिपक्ष की रेस में इन नेताओं के नाम आगे
भूपेश बघेल
नेता प्रतिपक्ष की रेस में सबसे पहला नाम पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का है। दरअसल, बघेल के पास ही सीनियरटी का अनुभव है। वह पाटन विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव जीते हैं। बघेल की गिनती प्रियंका गांधी के करीबियों में होती है, जबकि उनकी आक्रमक छवि उन्हें प्रथम श्रेणी पर लड़ाई करने में भी मदद कर सकती है, ऐसे में कांग्रेस उन्हें ही नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है।
चरणदास महंत
बघेल सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे चरणदास महंत को भी नेता प्रतिपक्ष की कमान मिल सकती है। महंत सक्ती विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव जीते हैं। वह प्रदेश में पहले ही भी कई बड़ी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। चरणदास महंत कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें नेता प्रतिपक्ष की कमान सौंप सकती है।
कवासी लखमा
अगर बीजेपी किसी आदिवासी वर्ग से आने वाले नेता को मुख्यमंत्री बनाती है तो फिर उसे काउंटर करने के लिए कांग्रेस भी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी आदिवासी वर्ग के विधायक को सौंप सकती है, जिसमें सबसे सीनियर विधायक कवासी लखमा की दावेदारी मानी जा रही है।
उमेश पटेल और लखेश्वर बघेल
इसके अलावा दो और बड़े नेता उमेश पटेल और लखेश्वर बघेल भी नेता प्रतिपक्ष के दावेदार माने जा रहे हैं, क्योंकि यह नेता जातिगत समीकरणों में भी फिट बैठते हैं। जबकि दोनों नेताओं को सदन का भी अच्छा अनुभव ऐसे में कांग्रेस इनमें से भी किसी नेता को नेता प्रतिपक्ष बना सकती है।
प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी हो सकता है बदलाव
माना जा रहा है कि चुनाव में हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष (CG Election Result) के पद पर भी बदलाव कर सकती है। कांग्रेस ने दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था, लेकिन उनके नेतृत्व में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा वह खुद भी चुनाव हार गए हैं। ऐसे में कांग्रेस इस पद पर भी इन्हीं में से किसी नेता को कमान सौंप सकती है।