प्रयागराज, 17 जनवरी। Mahakumbh Prayagraj 2025 : महाकुंभ प्रयागराज 2025 में रोज लाखों लोग आस्था और विश्वास की डुबकी लगा रहे हैं। मकर संक्रांति के दिन तो रिकॉर्ड 3.5 करोड़ लोगों ने स्नान किया। इतने लोगों के स्नान के बाद घाटों को साफ करना बेहद चैलेंजिंग काम है। लेकिन, इसको आसान बनाते हैं गंगा सेवा दूत।
पौष पूर्णिमा स्नान पर्व और मकर संक्रांति के अमृत स्नान के बाद महाकुंभ क्षेत्र को स्वच्छ करने के लिए बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया गया है। घाटों पर गंदगी को तेजी से साफ किया जा रहा है। सफाई कर्मी लगातार घाटों पर तैनात हैं। हर प्रकार की गंदगी को हटाने का कार्य जारी है।
वहीं, शौचालयों में भी स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। योगी सरकार ने इस बार महाकुंभ को स्वच्छ महाकुंभ के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया है। इसी क्रम में इस बार स्वच्छता पर विशेष जोर दिया गया है। पिछले 5 दिनों में महाकुंभ में 8 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया है, जिसके बाद मेला प्रशासन ने स्वच्छता अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
10 हजार से अधिक सफाई कर्मचारी
10 हजार से अधिक सफाई कर्मचारी लगाए गए मेला क्षेत्र में बचे कचरे को हटाने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। इसमें 10 हजार से अधिक सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं द्वारा छोड़ी गई सामग्रियों को इकट्ठा कर उचित स्थान पर निस्तारित किया जा रहा है। एकत्रित कचरे को काले लाइनर बैग में डाल कर निस्तारित किए जाने की योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है।
शौचालयों की सफाई पर विशेष अभियान मेले के दौरान उपयोग किए गए शौचालयों की सफाई बड़े स्तर पर हो रही है। स्वच्छता कर्मचारियों की अतिरिक्त टीमों को इस कार्य में लगाया गया है। पार्किंग से लेकर घाटों तक स्थापित किए गए शौचालयों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
दो दिनों में बड़ी संख्या में इन शौचालयों का उपयोग किया गया है, जिसके बाद इन्हें फिर से उपयोग में लाए जाने के लिए की आवश्यकता को देखते हुए मेला प्रशासन ने उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
घाटों पर स्थापित पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लगातार श्रद्धालुओं से यह अपील की जा रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी प्रशासन की अपील पर सहयोग करते हुए कचरे को घरों पर स्थापित डस्टबिन में ले जाकर डाल रहे हैं।
पिता-बेटी और दामाद ने संभाला VIP घाट पर सफाई का मोर्चा
बंसीलाल अपने दामाद गोरेलाल और बेटी सुमन के साथ 1 दिसंबर से इस घाट पर ड्यूटी कर रहे हैं। बंसी लाल ने अपने काम के बारे में बताया कि इस घाट पर एक शिफ्ट 8 घंटे की होती है। एक शिफ्ट में 10 सफाई कर्मचारी और एक मैनेजर की तैनाती रहती है। VIP घाट को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी कुल 30 सफाई कर्मचारी और 3 मैनेजर के पास है। वेतन के तौर पर हमें 12500 रुपए महीने मिलते हैं और हम लोग संविदा पर रखे गए हैं।
आम पब्लिक के घाट पर भी सफाई चकाचक
VIP घाट किला के बगल में आम श्रद्धालुओं के स्नान के लिए कच्चे घाट बनाये गए हैं। वहां सफाईकर्मी घाट-घाट घूम-घूम कर एक बड़ी सी पॉलिथीन में कचरा इकट्ठा करते हैं और उसको कचरे वाली गाड़ी बुलाकर डम्पिंग यार्ड में भिजवा देते हैं। सफाई व्यवस्था इतनी दुरुस्त है कि लोग तारीफ करते नहीं थकते। पॉलिथीन लेकर पास आने पर लोग खुद से अपना कचरा डाल देते हैं।