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रायपुर, 16 मई। The Bravery of Rollo : सीआरपीएफ के बहादुर डॉग ‘रोलो’ ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपने अद्वितीय साहस और समर्पण से कई जवानों की जान बचाई थी। हाल ही में, मधुमक्खियों के हमले में घायल होने के बाद इलाज के बावजूद उसकी मृत्यु हो गई। अब, सीआरपीएफ के महानिदेशक (DG) ने उसे मरणोपरांत सम्मान देने की घोषणा की है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने रोलो को श्रद्धांजलि दी है और उसे अदम्य साहस वाला योद्धा बताया है। रोलो की कहानी ने लोगों के दिलों को छुआ है और यह साबित किया है कि जानवर भी देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

बहरहाल, रोलो की कहानी यह साबित करती है कि जानवर भी अपने साहस और समर्पण से देश की सेवा कर सकते हैं। उसकी बहादुरी को हमेशा याद रखा जाएगा और वह हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा।

रोलो की बहादुरी की कुछ घटनाएं

नक्सल ऑपरेशन में योगदान: रोलो ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कई ऑपरेशनों में भाग लिया और अपनी सूंघने की क्षमता से कई IEDs (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) का पता लगाया, जिससे कई जवानों की जान बचाई।

मधुमक्खियों का हमला

हाल ही में, रोलो को मधुमक्खियों ने हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ गई और उसने अंतिम सांस ली।

सीआरपीएफ की प्रतिक्रिया

सीआरपीएफ के महानिदेशक ने रोलो की बहादुरी को सराहा और उसे मरणोपरांत सम्मान देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रोलो ने अपने साहस और समर्पण से यह साबित किया कि जानवर भी देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि

सोशल मीडिया पर लोगों ने रोलो को श्रद्धांजलि दी है। एक यूजर ने लिखा, “रोलो जैसे बहादुर साथी की कहानी दिल को छू जाती है। वह सिर्फ एक डॉग नहीं था, बल्कि हमारे सुरक्षा बलों का एक अदम्य योद्धा था।”

X पर @SachinGuptaUP नाम के यूजर ने यह तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा- ये है CRPF का डॉग, नाम है रोलो। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों को IED से बचाने में रोलो ने बहुत मदद की। ऑपरेशन के दौरान मधुमक्खियों ने रोलो पर हमला बोल दिया। तमाम प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। DG ने मरणोपरांत कमेंडेशन डिस्क की घोषणा की है।